अगर आप कुल्लू मनाली जा रहे हैं, तो यहां जानिए असली और नकली कुल्लवी शॉल के बीच अंतर कैसे करें
हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश अपने पारंपरिक हथकरघा उद्योग के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। कुल्लू स्कार्फ विशेष रूप से अपने चमकीले रंगों और ज्यामितीय पैटर्न के कारण बहुत लोकप्रिय हैं। हर साल कई पर्यटक कुल्लू मनाली आते हैं और स्मृति चिन्ह के रूप में इस शॉल को खरीदते हैं। हालांकि, स्कार्फ खरीदते समय यह पहचानना जरूरी है कि यह असली कुल्लवी स्कार्फ है या नकली। यहां कुछ महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं जिनसे आप असली कुल्लवी शॉल की पहचान कर सकते हैं।
कुल्लवी शॉल कैसी है?
कुल्लवी शॉल भेड़ के ऊन से बनी होती है और सर्दियों के दौरान हिमाचल प्रदेश में महिलाओं द्वारा इसका उपयोग किया जाता है। यह शॉल खादी पर बुना गया है और इसमें पारंपरिक ज्यामितीय पैटर्न के साथ रंगीन धागे हैं। आमतौर पर बॉर्डर को एक ही रंग से सजाया जाता है, जो इसकी खास पहचान बनाता है।
कुल्लवी शॉल किन्नौरी शॉल से किस प्रकार भिन्न है?
कुल्लवी और किन्नौरी दोनों शॉल भेड़ की ऊन से बनाई जाती हैं, लेकिन मुख्य अंतर उनके डिजाइन में है। किन्नौरी शॉल में बारीक और नाजुक डिज़ाइन बनाना शामिल है जिसके लिए अधिक समय और प्रयास की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि किन्नौरी शॉल महंगी हैं। साथ ही, कुल्लवी स्कार्फ के डिज़ाइन बड़े और स्पष्ट होते हैं, जो उन्हें अधिक किफायती बनाते हैं।
असली और नकली स्कार्फ की पहचान कैसे करें?
स्कार्फ खरीदते समय असली और नकली के बीच का अंतर समझना जरूरी है। मूल कुल्लवी शॉल को खादी पर बुना जाता है, जिसके परिणामस्वरूप बुनाई में कुछ असमानता होती है। इसकी खास बात यह है कि दोनों तरफ डिजाइन एक जैसा दिखता है। दूसरी ओर, मशीन से बने नकली स्कार्फ के डिजाइन में अंतर होता है और दोनों तरफ उनका रंग भी अलग होता है। मशीन स्कार्फ सस्ते होते हैं और ऐक्रेलिक धागों से बने होते हैं, जिससे उनकी गुणवत्ता कम हो जाती है।
स्कार्फ की कीमत कितनी है?
स्कार्फ की कीमत उसके डिज़ाइन और बुनाई की जटिलता पर निर्भर करती है। साधारण डिज़ाइन वाले स्कार्फ आमतौर पर 1,000 से 1,500 रुपये तक उपलब्ध होते हैं। हालाँकि, जैसे-जैसे डिज़ाइन अधिक जटिल होते जाते हैं, स्कार्फ की कीमत बढ़ती जाती है। तीन फ्लोरल पैटर्न वाले शॉल की कीमत 12,000 से 25,000 रुपये तक हो सकती है जबकि भारी पैटर्न वाले शॉल की कीमत 40,000 से 50,000 रुपये तक हो सकती है.
डिप्लोमा:
जब आप कुल्लू मनाली से असली कुल्लवी शॉल खरीदते हैं तो इन बातों का ध्यान रखकर नकली शॉल से बच सकते हैं। पारंपरिक रूप से बने ये स्कार्फ सर्दियों में न सिर्फ गर्माहट देते हैं, बल्कि पहनने का अनुभव भी कुछ खास होता है।
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पहले प्रकाशित: 23 सितंबर, 2024 1:03 अपराह्न IST