आज ही के दिन हिमालय की गोद में जन्मे इस राज्य ने इस हस्ती को उनके जन्मदिन पर याद किया
पंकज सिंगटा/शिमला: 15 अगस्त 1947 को देश की आज़ादी के बाद कई राजाओं ने अपनी रियासतें छोड़ दीं और अपनी रियासतों को आज़ाद भारत में शामिल कर लिया। इसी क्रम में पहाड़ी राज्यों की 30 रियासतों के राजा अपना राज्य छोड़कर स्वतंत्र भारत में शामिल हो गये। 15 अप्रैल, 1948 को पर्वतीय क्षेत्र की 30 रियासतें स्वतंत्र भारत में शामिल हुईं और हिमाचल प्रदेश की स्थापना हुई। 26 जनवरी 1950 को भारत एक गणतंत्र बन गया और हिमाचल प्रदेश को श्रेणी ‘सी’ राज्य में शामिल कर दिया गया। तब से लेकर अब तक हिमाचल प्रदेश लगातार विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है।
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि 15 अप्रैल, 1948 को 30 रियासतों का विलय होकर स्वतंत्र भारत का निर्माण हुआ। हिमाचल प्रदेश का गठन हुआ। 15 अप्रैल को हर वर्ष हिमाचल दिवस के रूप में मनाया जाता है। 15 अप्रैल, 2024 को 77वां हिमाचल दिवस मनाया गया। हिमाचल प्रदेश के निर्माण को 76 वर्ष बीत चुके हैं। हिमाचल प्रदेश की समृद्ध संस्कृति ही इसकी विरासत और पहचान है।
15 अप्रैल, 1948 को हिमाचल प्रदेश स्वतंत्र हुआ
हिमाचल प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री डाॅ. यशवन्त सिंह परमार को हिमाचल का निर्माता भी कहा जाता है। डॉ। परमार का हिमाचल के विकास में बहुत बड़ा योगदान रहा है। यशवंत सिंह परमार भारत की आजादी से पहले प्रजा मंडल का हिस्सा थे। ब्रिटिश शासन के दौरान प्रजामंडल एक सार्वजनिक संगठन था जो राजशाही के खिलाफ आवाज उठाता था। प्रजामंडलों का मानना था कि राजशाही को समाप्त कर लोकतांत्रिक व्यवस्था का ढांचा तैयार किया जाना चाहिए। प्रजामण्डल के अंग के रूप में डाॅ. सिरमौर राज्य के राजा ने यशवन्त सिंह परमार को राज्य की सीमा छोड़ने की सजा भी सुनाई थी।
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पहले प्रकाशित: 15 अप्रैल, 2024, 8:23 अपराह्न IST