एलर्जी, पेट फूलना, शुगर से लेकर दर्दनिवारक दवाओं के सैंपल से इस बारे में पता चलता है।
सोलन: हिमाचल प्रदेश में निर्मित दवाएं एक बार फिर मानकों पर खरी नहीं उतरीं। जनवरी में, राज्य के स्वामित्व वाले उद्योग में निर्मित 14 दवाओं और देश में 46 दवाओं के नमूने अनुपलब्ध पाए गए। प्रदेश में जिन 14 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें सिरमौर की तीन, कांगड़ा की एक और सोलन जिले की 10 दवाएं शामिल हैं।
हिमाचल प्रदेश की 14 दवाओं समेत देशभर में 46 दवाओं के सैंपल फेल हो गए। प्रदेश में फेल हुए 14 दवाओं के सैंपल में सिरमौर के तीन, कांगड़ा का एक और सोलन जिले के 10 सैंपल शामिल हैं। जनवरी के ड्रग अलर्ट में सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ने पाया कि ये दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरतीं। इन दवाओं में त्वचा संक्रमण, जीवाणु संक्रमण, भूख बढ़ाने वाली दवाएं, एलर्जी, अनियमित गर्भाशय रक्तस्राव, एनीमिया, एसिड एलर्जी, चीनी और दर्द निवारक दवाएं शामिल हैं। जनवरी में देश में कुल 932 दवाओं के नमूने एकत्र किए गए, जिनमें से 886 पास हुए और 46 फेल हो गए।
इन दवाओं के सैंपल फेल हो गए।
1. पांवटा साहिब की सनवेट हेल्थकेयर कंपनी से त्वचा संक्रमण की दवा क्लिंडामाइसिन, बैक्टीरिया संक्रमण की दवा एमिकासिन सेल्वामैट।
2. साइप्रोहेप्टाडाइन ट्राइकोलिन साइट्रेट, लोधी माजरा, बद्दी की एक्विनो फार्मास्युटिकल कंपनी द्वारा निर्मित भूख बढ़ाने वाली दवा।
3. पांवटा की जी लेबोरेटरी कंपनी से एलर्जी की दवा मोक्सीफ्लोक्सासिन।
4. गर्भाशय से अनियमित रक्तस्राव के लिए बद्दी की डीएम फार्मा कंपनी से ट्रैनेक्सैमिक एसिड और मेफेनैमिक एसिड।
5. मलकू माजरा की एनीमिया दवा फोलिक एसिड।
6. हेलेरो लैब कंपनी से एसिडिटी के लिए पैंटाप्रोज़ोल।
7. हिलर लैब से एलर्जी की दवा लेवासिट्राज़िन।
8. मैग्नेटेक कंपनी की मधुमेह की दवा ग्लिमेपाइराइड, मेटफॉर्मिन पियोग्लिटाज़ोन।
9. झाड़माजरी स्थित श्री राम हेल्थ केयर कंपनी की एसिड दवा पेंटाप्रोजोल।
10. मोंटेलुकास्ट लेवोसेटिरिज़िन, बरोटीवाला स्थित फोरगो फार्मास्युटिकल कंपनी की एलर्जी दवा।
11. मोंटेलुकास्ट, बद्दी के भटोली कलां स्थित एएसपीओ कंपनी द्वारा निर्मित एक त्वचा एलर्जी दवा।
12. कांगड़ा जिले की रैचिल फार्मा कंपनी से एलर्जी के लिए लेवोसेटिरिज़िन।
13. बद्दी के मल्कु माजरा स्थित आंग लाइफ साइंस कंपनी से दर्दनिवारक डिक्लोफेनाक।
इस पर ड्रग कंट्रोलर बद्दी मनीष कपूर ने कहा कि जिन दवा उद्योगों के सैंपल फेल हुए हैं, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किए जाएंगे और बाजार से स्टॉक वापस मंगवाया जाएगा। इन नमूनों की जांच भी विभाग खुद करेगा.
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कीवर्ड: मध्य प्रदेश समाचार, एक प्रकार का हंस, सोलन समाचार
पहले प्रकाशित: 22 फरवरी, 2024, 2:34 अपराह्न IST