website average bounce rate

दिल्ली के 72 सरकारी टीचर निकलें फर्जी, बर्खास्त

आप भी इस खबर को पढ़ कर जरूर हैरान रह जायेंगे कि कैसे एक शिक्षक दिल्ली जैसी महानगरी में बिना किसी परीक्षा को पास किये सरकारी स्कूल का शिक्षक बन जाता है. जी हाँ दिल्ली में एक नहीं दो नहीं बल्कि ऐसे 72 शिक्षकों को फर्जीवाड़े के तहत नौकरी हासिल करने पर शिक्षा निदेशालय (दिल्ली) ने बर्खास्तगी का नोटिस थमा दिया है। दरअसल, हुआ यूँ कि दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) से मिलने वाले बायोमेट्रिक और फोटो रिकॉर्ड से मिलान न होने पर पता चला कि चयन प्रक्रिया के दौरान परीक्षा किसी और शख्स ने दी और अब नौकरी कोई दूसरा व्यक्ति कर रहा है। आपको बता दें इस बड़े फर्जीवाड़े के बाद शुक्रवार को शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता के द्वारा इन शिक्षकों को बर्खास्त करने का नोटिस जारी कर दिया गया है। साथ ही इस नोटिस में केंद्रीय सिविल सेवाएं नियम -1965 के तहत जारी करते सवाल पूछा गया है कि रिकॉर्ड के आधार पर क्यों न आपको बर्खास्त कर दिया जाए। क्योंकि आपका मौजूदा और चयन प्रक्रिया के दौरान लिए गए बायोमेट्रिक रिकॉर्ड का मिलान नहीं हो रहा है। दिल्ली के सरकारी स्कूल में पढ़ा रहे 72 शिक्षकों को शिक्षा निदेशालय ने बर्खास्तगी का नोटिस थमाया है। ऐसा बायोमेट्रिक और फोटो रिकॉर्ड से मिलान ना होने पर किया गया। इनसे एक महीने में जवाब मांगा है।

Table of Contents

एक महीने में देना होगा जवाब
निदेशालय की ओर से ऐसे शिक्षकों को नोटिस जारी कर एक महीने में जवाब मांगा गया है। नोटिस जारी होने की तिथि से एक महीने के अंदर अगर संबंधित शिक्षक यह साक्ष्य नहीं दे पाते हैं कि परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थी वही थे, तो उन्हें बर्खास्त किया जाएगा। जिन शिक्षकों को नोटिस दिया गया है, उनमें टीजीटी और पीजीटी शिक्षक शामिल हैं। निदेशालय ने पत्र लिखकर शिक्षकों का परीक्षा के दौरान का बायोमेट्रिक रिकॉर्ड मांगा था, जिसका अब शिक्षकों के मौजूदा आधार व अन्य रिकॉर्ड से मिलान नहीं हुआ। मिलान न होने की स्थिति में विभाग ने नोटिस जारी किया जाता है। अगर अभ्यर्थी साक्ष्य नहीं दे पाता है तो उसे तनख्वाह के तौर पर दी गई धनराशि की वसूली से लेकर कानूनी कार्रवाई भी होगी।

नियुक्ति से पहले पकड़े गए थे 200 से ज्यादा

वर्ष 2019 में नियुक्ति से पहले शिक्षा निदेशालय ने 200 से अधिक फर्जी शिक्षक पकड़े थे। इनमें अधिकांश ऐसे मामले थे, जिन्होंने डीएसएसएसबी की परीक्षा पास कर ली थी और इस परीक्षा में काई और और बैठा था। जबकि नियुक्ति के लिए दावेदार कोई और था। दस्तावेज के सत्यापन के दौरान यह फर्जीवाड़ा सामने आया था। नवनियुक्त शिक्षकों के सत्यापन के लिए शिक्षा निदेशालय और डीएसएसएसबी के बीच 8 जनवरी 2021 को बैठक हुई।

जांच के लिए 20 से अधिक नोडल अधिकारी तैनात किए स्कूलवार नवनियुक्त शिक्षकों की सूची तैयार कर ली गई है। जिन शिक्षकों को बर्खास्त करने के लिए नोटिस दिया है, उनमें से अधिकांश की नियुक्ति डीएसएसएसबी द्वारा संचालित वर्ष 2019 और 2020 की चयन प्रक्रिया के तहत हुई। निदेशालय द्वारा शिक्षकों की जांच के लिए बनाई गई कमेटी ने बोर्ड से रिकॉर्ड मांगा। बोर्ड द्वारा छह अप्रैल को रिकॉर्ड की सीडी उपलब्ध कराई गई, जिसमें दर्ज बायोमेट्रिक रिकॉर्ड और फोटो का मिलान किया गया। उसके बाद कमेटी ने पाया कि नौकरी कर रहे 72 शिक्षक वो नहीं है जो डीएसएसएसबी के रिकॉर्ड के हिसाब से चयन प्रक्रिया में शामिल हुए।खेती के लिए उपयोग किए जाने वाले ट्रैक्‍टर्स की टेस्टिंग प्रक्रिया की समय-सीमा में की गई कमी

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

यह भी पढ़े …