नादौन में 10 विद्यार्थियों ने पूरा किया चार माह का शिक्षक प्रशिक्षण
आध्यात्मिक नारायण. कांगड़ा
समाज और नैतिक मूल्यों की अलख जगाने में गुरु की अहम भूमिका होती है। इसी कारण प्रत्येक समाज में गुरु का सर्वोत्तम स्थान है। आधुनिक समय में अच्छे शिक्षक तैयार करने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षणों का आयोजन किया गया। अंतिम परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद यह परिकल्पना की गई है कि बी.एड. वाले शिक्षक बन सकते हैं। शिक्षक प्रशिक्षण छात्र और छात्र शिक्षक अपने निजी विश्वविद्यालयों में सैद्धांतिक प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। फिर प्रशिक्षु विभिन्न स्कूलों का दौरा करते हैं और व्यावहारिक वातावरण के अनुकूल होने के लिए छात्र शिक्षक के रूप में काम करते हैं। विजय वल्लभ कॉलेज ऑफ एजुकेशन से 10 छात्राध्यापिका साक्षी डोगरा, शिवानी, तनु, आकृति, किरण कुमारी, स्मृति शर्मा, सुजाता ठाकुर, आकांक्षा, शालिनी, अंकिता और तृषा कॉलेज ऑफ एजुकेशन से 3 छात्राध्यापिका श्रेया शर्मा, अनुष्का और सिया। चार माह तक नादौन के राजकीय उत्कृष्ट कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में छात्राध्यापिका के रूप में कार्य किया। संस्कृत अध्यापक नरेश मलोटिया ने जानकारी देते हुए बताया कि इन सभी प्रशिक्षु अध्यापकों ने विद्यालय की सभी कक्षाओं में गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी, हिंदी आदि विषयों को बहुत ही उत्कृष्ट एवं आधुनिक ढंग से पढ़ाया तथा अन्य सभी कक्षाओं में भी विद्यालय की सहायता की- आधारित गतिविधियों ने भी उत्कृष्ट कार्य किया है। इस दौरान उन्होंने स्कूल, ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में बच्चों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में भी पूरा सहयोग दिया। संस्कृत शिक्षक ने कहा कि चार महीने के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के दौरान उन्हें चाहे जो भी शैक्षणिक कार्य सौंपे गए, उन्होंने सभी कार्यों को पूरी लगन और मेहनत से किया, जिसके लिए प्रिंसिपल मंजू रानी सहित सभी शिक्षकों ने उनकी प्रशंसा की। आज प्रशिक्षण के अंतिम दिन के अवसर पर विद्यालय की ओर से भावी शिक्षकों के लिए भोज का आयोजन किया गया तथा उनके अच्छे भविष्य की कामना की गयी। अंत में प्राचार्य ने भावी शिक्षकों से आग्रह किया कि वे अपने शिक्षण कार्य में सदैव यह सुनिश्चित करें कि छात्रों का हित उनके जीवन में सबसे पहले आये ताकि एक बेहतर समाज का निर्माण हो सके। इस अवसर पर उप प्राचार्य परमजीत सिंह, प्रभारी छात्र शिक्षक संजीव कुमार, टीजीटी संस्कृत नरेश मलोटिया व अन्य सभी शिक्षक उपस्थित थे।