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हिमाचल कांग्रेस: ​​कांग्रेस ने क्यों भंग की हिमाचल प्रदेश इकाई? क्या प्रतिभा सिंह ने सीएम सुक्खू को मात दी?

हिमाचल कांग्रेस: ​​कांग्रेस ने क्यों भंग की हिमाचल प्रदेश इकाई? क्या प्रतिभा सिंह ने सीएम सुक्खू को मात दी?

शिमला. हिमाचल प्रदेश कांग्रेस इकाई (हिमाचल कांग्रेस) इस संबंध में आलाकमान ने व्यापक कदम उठाये हैं. पार्टी हाईकमान ने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी समेत सभी इकाइयों को भंग कर दिया है. सिर्फ अध्यक्ष प्रतिभा सिंह बचीं और बाकी जिला से लेकर ब्लॉक स्तर तक की कमेटियां भंग कर दी गईं।

दरअसल, प्रतिभा सिंह 2022 में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष बनीं। उनसे पहले कुलदीप सिंह राठौड़ प्रदेश अध्यक्ष थे. 2022 में जब प्रतिभा सिंह अध्यक्ष बनीं तो संगठन में कोई बदलाव नहीं हुआ और प्रतिभा सिंह को पुरानी टीम के साथ ही काम करना पड़ा. संगठनात्मक बदलाव और निष्क्रियता के कारण प्रतिभा सिंह ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. प्रतिभा सिंह संगठन में बदलाव की मांग करती रहीं और आलाकमान को पत्र भी लिखा था.

अब हाईकमान बुधवार को प्रतिभा सिंह मैंने बात मान ली. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पूरी इकाई, जिला अध्यक्ष और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी को भंग करने का आदेश जारी किया. अपने आधिकारिक पत्र में उन्होंने लिखा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभी राज्य कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) इकाइयों, जिला कांग्रेस अध्यक्षों और सभी ब्लॉक कांग्रेस समितियों को तत्काल प्रभाव से भंग करने के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की है।

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जंबो एक्ज़ीक्यूटिव की स्थापना 2022 में हुई थी

गौरतलब है कि कांग्रेस ने 2022 के आम चुनाव से पहले जंबो कार्यकारिणी का गठन किया था. हिमाचल विधानसभा चुनाव से पहले गुटबाजी पर लगाम कसने के लिए हाईकमान ने यह कदम उठाया था, ताकि कांग्रेस नेता एकजुट रहें और चुनाव के दौरान सही संदेश दे सकें. इस दौरान छह वरिष्ठ उपाध्यक्ष, पांच उपाध्यक्ष, 12 महासचिव, तीन कार्यकारिणी सदस्य, एक जिला अध्यक्ष और 42 सचिव नियुक्त किये गये. अहम बात यह है कि ब्लॉक और जिला स्तर पर पहले से तैनात अधिकारियों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

यह पत्र कांग्रेस हाई कमान द्वारा जारी किया गया था।

प्रतिभा सिंह या सीएम सुक्खू…अब किसे होगा फायदा?

आपको बता दें कि प्रतिभा सिंह के अध्यक्ष बनने पर संगठन में कोई बड़े बदलाव नहीं हुए। यह जरूरी है कि जो व्यक्ति अध्यक्ष बनता है वह संगठन में बुनियादी बदलाव करे और अपने व्यक्तित्व को जगह दे. उस समय सुखविंदर सिंह सुक्खू भी सीएम नहीं थे और वह भी अपने सलाहकारों को संगठन में जगह नहीं दिला सके. हालाँकि, संगठन अब फिर से स्थापित किया जा रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या प्रतिभा सिंह का यहां दबदबा रहेगा या फिर सीएम सुक्खू के लोगों को जगह मिलेगी. हालांकि, अभी तक ऐसा लग रहा है कि प्रतिभा सिंह को कुछ हद तक फायदा हो रहा है और अगर वह अध्यक्ष बनी रहीं तो संगठन में अपने लोगों को एडजस्ट कर लेंगी। लेकिन सुक्खू गुट भी चाहता है कि सरकार के बाद उसके लोग भी संगठन में शामिल हों और उन्हें प्रदेश की राजनीति चलाने में कोई दिक्कत न हो. आपको बता दें कि सुक्खू 2012 से छह साल तक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे.

बैठक में अधिकारी नहीं आये

पिछले सितंबर में प्रतिभा सिंह ने शिमला में सभी अधिकारियों की बैठक बुलाई थी लेकिन सीएम, विधायकों और कई नेताओं को छोड़कर वे मौजूद नहीं थे. इससे पहले हिमाचल प्रदेश में सरकार होने के बावजूद कांग्रेस लोकसभा चुनाव में चारों सीटें हार गई थी और प्रतिभा सिंह लगातार संगठन में बदलाव की मांग कर रही थीं. शिमला में पीटीआई से बात करते हुए सीएम सुक्खू के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि पूरी प्रदेश कांग्रेस कमेटी इकाई को भंग कर दिया गया है लेकिन प्रतिभा सिंह अपने पद पर बनी रहेंगी.

राज्यसभा चुनाव के बाद पार्टी में घमासान

फरवरी में हिमाचल में राज्यसभा चुनाव के दौरान प्रदेश कांग्रेस में उथल-पुथल मच गई थी। पार्टी के छह विधायकों ने एक-दूसरे के खिलाफ वोट किया था. इसके अलावा पार्टी के अंदर भी गुट बनने की खबरें बार-बार आती रहती हैं. प्रतिभा सिंह ने संगठन के लोगों को सरकार में जगह न मिलने पर खुलकर नाराजगी जताई थी. हाल ही में मंडी के सिराज में कांग्रेस के दो गुट आपस में भिड़ गए थे. वहीं, हाल ही में कुछ कांग्रेस नेताओं ने बिलासपुर में बैठक भी की थी.

कार्यकारिणी रणधीर के भंग होने से कांग्रेस के अंदर गुटबाजी की पुष्टि हो गई है

इस मुद्दे पर बोलते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया है और ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी सभी काम आपात स्थिति में ही कर रही है. बीजेपी लगातार कांग्रेस में गुटबाजी को लेकर सवाल उठाती रही है और आज ये आरोप सच साबित हो गए हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में अंदरूनी कलह चरम पर पहुंच गई है और आज उनका गुब्बारा फूट गया है. ऐसे कई उदाहरण हैं जहां कांग्रेस पार्टी ने आपस में ही टकराव में काम किया. हिमाचल की राजनीति का गढ़ बन चुके जिला हमीरपुर कांग्रेस में बगावत के सुर घातक साबित होंगे।

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