हिमाचल के लिए जरूरी खबर, जल्द लागू होगा यह कानून, जमीन से जुड़ा है मामला!
शिमला: एक अभियान के तहत हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में वन भूमि अधिनियम 2006 लागू किया जाएगा और लोगों को इसके बारे में जागरूक करने की जिम्मेदारी तहसीलदारों को दी जाएगी. यह बात प्रदेश के कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने रिकांगपिओ में पत्रकार वार्ता में कही. उन्होंने कहा कि पूर्व यूपीए सरकार ने वन भूमि अधिनियम 2006 लागू किया था और 2008 में अधिसूचना भी हुई थी लेकिन उस समय राज्य में भाजपा सरकार थी इसलिए कुछ नहीं किया गया.
कैबिनेट मंत्री नेगी ने आगे कहा कि 2012 से 2017 तक कांग्रेस शासन के दौरान वन अधिकार कानून को लागू करने के लिए ग्राम समितियों का गठन किया गया था लेकिन 2017 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद उक्त कानून को फिर से ठंडे बस्ते में डाल दिया गया लेकिन इस दौरान चुनावी साल में उन्होंने जनता को गुमराह करने के कुछ मामलों को सुलझाने का काम किया.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार पूरे प्रदेश में वन अधिकार कानून को सख्ती से लागू कर अपना वादा पूरा करेगी और लोगों को जमीन का मालिकाना हक जल्द दिलाएगी. उन्होंने कहा कि उक्त कानून के कार्यान्वयन के लिए सभी उपायुक्तों, आदिवासी क्षेत्रों के एसडीएम, वित्त विभाग, वन विभाग के अधिकारियों और ब्लॉक और जिला स्तर पर अनौपचारिक सदस्यों को वन भूमि अधिकार अधिनियम के बारे में सूचित किया गया है।
उन्होंने कहा कि यह कानून बहुत सरल है, लेकिन पिछली सरकार ने इस कानून को छलावा बनाया और लोगों को गुमराह किया. उन्होंने कहा कि वन भूमि अधिकार कानून के लिए पहले ग्राम सभा की मंजूरी जरूरी है. वन भूमि अधिकार अधिनियम के लिए गठित समिति सभी मामलों को निपटाने में एक माह से अधिक का समय नहीं ले सकेगी और एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट मूल समिति को सौंपेगी.
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पहले प्रकाशित: जून 20, 2024 5:56 अपराह्न IST