Himachal News: भारतीय किसान यूनियन ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
Himachal News: भारतीय किसान यूनियन जिला इकाई का प्रतिनिधिमंडल अपनी मांगों को लेकर एसडीम नालागढ़ से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को ज्ञापन भेजकर कृषि बिलों के विरोध में किसानों पर दर्ज हुए मामलों को वापस लेने व अन्य कई समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा।
जिला अध्यक्ष सुरमुख सिंह ने कहा कि जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किसान विरोधी बिल वापिस लिए थे तब उन्होंने एलान किया था के मैं ये बिल वापिस लेता हूँ और भारत में किसी भी स्टेट में रोश प्रकट करते हुए किसानों पर जो भी केस दर्ज किये गए हैं वो सभी वापिस लिए जाएंगे ।
पुलिस स्टेशन नालागढ़ में केस दर्ज हुए थे लेकिन अभी तक वापस नहीं लिए गए
नालागढ़ में भी इन किसानों सुरमख सिंह, उज्जागर सिंह, गुरचरण सिंह, यशवंत सिंह, महेन्दर सिंह, गुरविंदर सिंह, कुलवंत सिंह,उज्जागर सिंह, गुरदयाल सिंह आदि एफआईआर नम्बर 381 / 2020, पुलिस स्टेशन नालागढ़ में केस दर्ज हुए थे लेकिन अभी तक वापस नहीं लिए गए। इससे पहले भी हम किसानों ने पिछली सरकार को कई ज्ञापन दिए परन्तु उन्होंने इस पर कोइ गौर नहीं की किसानों ने सभी प्रोटेस्ट शांतमई तरिके से किये हैं.
पिछले दिनो बारिश और तूफान से गेहूं की फसल को काफ़ी नुकसान हुआ
किसी व्यक्ति या किसी सरकारी प्रॉपर्टी को कोई नुक्सान नहीं पहुंचाया है फिर भी हम किसान कोर्ट में पेशीआं भुगत रहे हैं। इसलिए आप से अनुरोध है कि इन केसों को जल्दी वापिस लिया जाए।सुरमुख सिंह ने कहा कि पिछले दिनो बारिश और तूफान से गेहूं की फसल को काफ़ी नुकसान हुआ है जिससे किसान बहुत परेशान हैं. कृपया तुरन्य प्रभाव से फसल कि गुरद्वारि करवा के किसानों को मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि जिमींदार को फसल बेचने के लिए हर फसल पर हर बार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवानी पढ़ती है तब उसको फसल बेचने का टोकन दिया जाता है.
किसानो को साइट बिजी होने कि वजह से सुविधा केंद्र के बार बार चक्र लगाने पढ़ते हैं जिससे बहुत परेशानी होती है. टोकन सिस्टम में कई किसान अपनी फसल का पहले रजिस्ट्रेशन करवा लेते हैं जबकि उनकी फसल त्यार नहीं होती जबकि जिन किसानों कि फसल त्यार होती है रजिस्ट्रेशन लेट होने कि वजह से उनको इंतज़ार करना पढता है.
किसान कि आई डी देखकर उसकी फसल कि खरीददारी कि जाए
सरकार से अनुरोध है कि किसान कि एक बार ही रजिस्ट्रेशन होनी चाहिए और टोकन सिस्टम को बंद करके किसान कि आई डी देखकर उसकी फसल कि खरीददारी कि जाए जो किसान फसल लेकर मंडी में पहले जाए उसी नंबर के हिसाब से उसकी फसल कि खरीद की जाए।