Nirmala Sitharaman : सादे समारोह में हुई वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman की बेटी Parakala Vangmayi की शादी, समारोह में एक भी राजनीतिक मेहमान नहीं .
Nirmala Sitharaman’s Daughter Wedding
सादे समारोह में हुई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बेटी की शादी, समारोह में एक भी राजनीतिक मेहमान नहीं.
सादे समारोह में हुई वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman की बेटी Parakala Vangmayi की शादी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बेटी पराकला वंगमयी ने बंगलुरु में एक आत्मीय समारोह में प्रतिक दोशी के साथ विवाह बंधन बांध लिया. इस शादी में सिर्फ नज़दीकी दोस्त और रिश्तेदार ही मौजूद थे. किसी राजनीतिक पार्टी के नेता को निमंत्रित नहीं किया गया था, और वेडिंग ब्राह्मण परंपराओं का पालन करते हुए आयोजित किया गया था, जिसमें उडुपी आदामारु मठ के संत मौजूद थे.
सिर्फ नज़दीकी दोस्तों और रिश्तेदारों को निमंत्रण :
यह शादी एक आत्मीय समारोह थी और उसमें केवल करीबी दोस्त और रिश्तेदार ही मौजूद थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस शादी में किसी राजनीतिक पार्टी के नेता को निमंत्रित नहीं किया गया था.
विवाह की रस्मों का पालन ब्राह्मण परंपराओं के अनुसार किया गया था और उडुपी आदामारु मठ के संतों ने जोड़ी को आशीर्वाद दिया. रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि विवाह की रस्में आदामारु मठ के वैदिक क्रम से आयोजित की गईं.
शादी के अवसर पर वंगमयी ने एक आश्चर्यजनक गुलाबी साड़ी पहनी थी, जिसे हरे ब्लाउज के साथ संयुक्त किया गया था. दुल्हे प्रतिक ने पारंपरिक सफेद पंचा और शाल पहनी थी. दुल्हन की मां निर्मला सीतारमण ने मोलकलमूरू साड़ी पहनी थी.
वंगमयी की पाठशाला में पत्रकारिता में मास्टर्स डिग्री है. वह मोंट लाउंज के फीचर्स विभाग में मिंट लाउंज के बुक्स और कल्चर सेक्शन में काम कर रही हैं. इससे पहले, वह फीचर्स राइटर के रूप में द हिंदू में काम करती थी.
Nirmala Sitharaman
कोन हैं Parakala Vangmayi के पति :
वहीं, प्रतिक दोशी गुजरात से हैं. वह पीएमओ कार्यालय में Officer On Special Duty के रूप में कार्यरत हैं. 2014 में जब नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने थे तो वह पीएमओ में तालाबंदी ऑफिसर के रूप में भेजे गए थे, बाद में 2019 में दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर उन्हें पीएमओ में ओएसडी के रूप में नियुक्त किया गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोशी पीएमओ में शोध और रणनीति के देखरेख करते हैं. पहले जब पीएम मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब दोशी गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय में एक शोध सहायक के रूप में काम करते थे.