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Himachal News: निर्माण मज़दूरों की मांगों के लिए 9 अगस्त को धरना

Himachal News: मनरेगा व निर्माण मज़दूर फेडरेशन हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी की मीटिंग आज कॉमरेड तारा चन्द भवन मंडी में आयोजित की गई।जिसकी अध्यक्षता फेडरेशन के राज्य अध्यक्ष जोगिन्दर कुमार ने की और सीटू के राज्य महासचिव प्रेम गौतम सहित तीन दर्जन कमेटी सदस्यों ने भाग लिया।

बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए राज्य महासचिव भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि

प्रदेश में निर्माण व मनरेगा मज़दूरों की जायज़ मांगों की सरकार अनदेखी कर रही

केंद्र की मोदी सरकार ने मनरेगा के लिए बजट तीस प्रतिशत घटा दिया है जिसके चलते मज़दूरों को निर्धारित सौ दिनों का काम नहीं मिल रहा है।सरकार ने असंगठित क्षेत्र में भवन व अन्य निर्माण कार्य करने वाले मज़दूरों की सहायता के लिए बने राज्य श्रमिक कल्याण बोर्डों की सहायता भी रोक दी है और अब मोदी सरकार इन बोर्डों की धनराशी को केंद्र में ले जाने के लिए योजना बना रही है।उन्होंने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार की मज़दूर विरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ 9 अगस्त को प्रदेश को सभी ज़िला व खंडों में सयुंक्त धरने आयोजित किये जायेंगे।

कांग्रेस पार्टी की सरकार ने राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड का काम ठप कर दिया

इसके अलावा स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर 14 अगस्त को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने का भी फ़ैसला लिया गया जिसमें आज़ादी के आंदोलन और वर्तमान में साम्प्रदायिक तनाव को कम करने के बारे सन्देश दिया जायेगा।भूपेंद्र सिंह ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में बनी कांग्रेस पार्टी की सरकार ने राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड का काम ठप कर दिया है और उसे बहाल करवाने की मांग बारे यूनियन ने 5 जून को शिमला में रैली भी की थी जिसमें मंत्री ने 15 दिनों में रुके हुए काम को बहाल करने का आश्वासन दिया था लेकिन ये काम आज तक भी शुरू नहीं किया गया है।इसलिए आज की बैठक में निर्णय लिया गया है कि सरकार के इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ 17 से 24 अगस्त तक अभियान चलाया जाएगा और 24 अगस्त को सभी जगह राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड के कार्यालयों पर प्रदर्शन व घेराव किया जायेगा।इसके अलावा मनरेगा में काम लेने के लिए 1से 10 सितंबर तक अभियान चलाया जाएगा और 13-15 सितंबर को बीडीओ को आवेदन पत्र जमा किये जाएंगे।

मज़दूरों के पिछले तीन साल की सहायता भी रोक दी है

भपेंद्र ने बताया कि बोर्ड में वर्ष 2022 में हर महीने आठ से दस हज़ार निर्माण मज़दूर श्रमिक कल्याण बोर्ड से पंजीकृत हो रहे थे जो वर्तमान कांग्रेस सरकार के ग़लत फैसले और दिशा निर्देश के बाद अब मात्र चार सौ के आसपास ही हो रहे हैं।मज़दूरों के पिछले तीन साल की सहायता भी रोक दी है जिसमें मज़दूरों के बच्चों को मिलने वाली छात्रवृति,विवाह, चिक्तिसा,पेंशन इत्यादि सभी प्रकार के लाभ बन्द कर दिए हैं।उन्होंने बताया कि बोर्ड के साथ पिछले साल तक कुल 4 लाख 49 हज़ार निर्माण मज़दूर पंजीकृत हैं जिनमें से साढ़े तीन लाख सक्रिय मज़दूर है। पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 61038 मज़दूर बोर्ड से पंजीकृत हुए थे लेक़िन अप्रैल 2023 के बाद अभी तक मात्र 737 निर्माण मज़दूर ही पूरे प्रदेश में पंजीकृत हुए हैं जिनमें पंचायतों में काम करने वाले निर्माण मजदूरों की संख्या शून्य है।

सबसे ज्यादा मज़दूर मंडी ज़िला से 81200 मुख्यमंत्री के गृह ज़िला हमीरपुर से 79580 पंजीकृत हुए

भूपेंद्र सिंह ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में बोर्ड के साथ सबसे ज्यादा मज़दूर मंडी ज़िला से 81200 मुख्यमंत्री के गृह ज़िला हमीरपुर से 79580 पंजीकृत हुए हैं बिलासपुर से 48676,कांगड़ा से 45700,चम्बा 32328 कुल्लू से 30310 ऊना से 29130 रामपुर 22065 सिरमौर से 16200,सोलन 13850 किन्नौर 11376 शिमला 11002 बद्दी से 10110 मज़दूर पंजीकृत हुए हैं।बैठक में फोरलेन, राष्ट्रीय उच्च मार्गों, रेलवे लाईन मज़दूरों की मांगों को अलग से चिह्नित करके उनके लिए काम करने के लिए अलग से उपसमिति का भी गठत किया गया। जिसमें प्रेम गौतम को प्रभारी बनाया गया।बैठक में राजेश शर्मा,गुरदास वर्मा, गोपेन्द्र शर्मा,रविकांत, राजेन्द्र कुमार,रंजन शर्मा, सुरेश राठौर, चमन लाल, रामचन्द, अमित कुमार,सुनील मेहता, नरेंद्र कुमार, जोगिंदर कुमार इत्यादि ने भी भाग लिया।

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