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लोक सेवा आयोग में किसी अनुसूचित, अनुसूचित जनजाति के योग्य विद्वान व्यक्ति को क्यों नहीं चुना गया- आशीष पंवार


नाहन: हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग में जो अध्यक्ष एवम 3 अन्य सदस्यों की विवादपूर्ण नियुक्ति एवम आदेश निरस्त किए गए बारे में दलित शोषण मुक्ति मंच भी अपना विरोध दर्ज करवाना चाहता है कि जो आदेश गत में सरकार द्वारा किए गए थे उसने अध्यक्ष पद हेतु डॉ. रचना गुप्ता,अन्य तीन सदस्यों में सर्व श्री राकेश शर्मा, ओ पी शर्मा तथा राजेश शर्मा चयनित किए गए थे ।इस विषय बारे दलित शोषण मुक्ति मंच सरकार से ये जानना चाहता है कि क्या आयोग में किसी अध्यक्ष अथवा सदस्य के पद हेतु उन्हे कोई भी अनुसूचित जाति ,अथवा अनुसूचित जनजाति से संबद्ध कोई योग्य और विद्वान व्यक्ति नजर नहीं आता जबकि लगभग 49.5% सरकारी पद अनुसूचित जाति,जनजाति एवम अन्य पिछड़ा वर्ग से भरे जाते हैं।प्रथम एवम द्वितीय श्रेणी के पदों को भरने के लिए विभागीय पदोन्नतियों हेतु विभागीय पदोन्नति प्रक्रिया भी आयोग के माध्यम से की जाती है जिसमे पदोन्नतियों में रोस्टर सिस्टम लागू होता है। अतः सरकार से पुरजोर मांग है कि हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग जो कि एक स्वायत संस्था है में नियमो के अनुरूप चयन प्रक्रिया अपनाई जाए तथा अनुसूचित जाति / जनजाति से संबंध रखने वाले योग्य व्यक्ति को अध्यक्ष अथवा सदस्य के रूप में चयन प्रक्रिया में स्थान दिया जाए ताकि वे अनुसूचित जाति / जनजाति से संबद्ध आवेदकों अथवा प्रतियोगियों ,एवम कर्मचारियों के हितों की रक्षा कर पाए।

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