Job in UGC: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के इन पदों पर निकली भर्ती, इस आखिरी तारीख से पहले जल्द करें आवेदन
Job in UGC: देश में धीरे-धीरे बेरोजगारी बढ़ रहे हैं और युवा लोग नौकरी के लिए भटकते हुए नजर आ रहे हैं. जो युवा नौकरी की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं, उनके लिए एक अच्छी खबर है. यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने सलाहकार के पदों पर भर्ती निकाली है. इच्छुक उम्मीदवार इन पदों पर भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं.
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने आपके लिए एक सुनहरा मौका दिया है. आप सलाहकार के पद पर भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं. यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन ने सलाहकार के पद पर भर्ती के लिए एक नोटिफिकेशन जारी किया है. इसमें युवाओं को कॉन्ट्रैक्ट बेस पर नौकरी दी जाएगी. अगर आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस भर्ती में चयनित युवाओं की सैलरी 70,000 रूपये से 80,000 रूपये प्रति महीना होगी. अगर आपको इस भर्ती प्रक्रिया से संबंधित कोई भी जानकारी चाहिए तो आप यूजीसी की ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं. आपको यहां पर आवेदन करने की अंतिम तारीख से लेकर आवेदन शुल्क आदि के बारे में पता चल जाएगा. नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए यह एक अच्छा मौका है.
आवेदन करने की अंतिम तारीख :-
अगर कोई भी उम्मीदवार इन पदों पर आवेदन करना चाहता है तो उसे बता दें कि इस भर्ती के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर 2022 है. इससे पहले इच्छुक उम्मीदवार इस भर्ती प्रक्रिया के लिए आवेदन कर सकता है.
उम्र सीमा :- इन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवार की उम्र 35 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
शैक्षणिक योग्यता :- यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के इन पदों पर आवेदन करने के लिए आवेदक के पास स्नातक पास की डिग्री होनी चाहिए. जिसमें 60% अंक होना जरूरी है. अगर किसी व्यक्ति ने नेट क्वालीफाई कर रखी है तो उसे भी प्राथमिकता दी जाएगी. आपको आवेदन करने के लिए UGC की ऑफिशियल वेबसाइट ugc.ac.in पर जाना होगा और वहाँ अप्लाई कर सकते है.
कुछ समय पहले यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के लिए भी भर्ती योजना शुरू की थी. UGC ने इसके लिए भी एक नोटिफिकेशन जारी कर आवेदन मांगे थे. जिसमे 1जुलाई 2021 से 1जुलाई 2023 तक असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर आवेदन मांगे गए थे. इस भर्ती प्रक्रिया के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों से पीएचडी की डिग्री मांगी गई थी. यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने कोरोना के समय यह फैसला लिया था, लेकिन बाद में इस पर रिसर्च का काम बंद हो गया.