website average bounce rate

Vijyadashmi: माता पार्वती के पूछने पर भगवान शिव ने बताया विजयादशमी के दिन शमी वृक्ष के पूजन का महत्व

Vijyadashmi

Vijyadashmi: अश्विन मास के शुक्ल पक्ष में दशमी को विजयादशमी अथवा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन क्षत्रिय शस्त्र पूजन करते हैं तो ब्राह्मण सरस्वती पूजन। इस पर्व को मां भगवती के विजय नाम के कारण ही विजयदशमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन अयोध्या नरेश भगवान श्री राम ने 14 वर्ष वनवास से लौटने के साथ ही लंकापति रावण का वध किया था और लंका पर विजय प्राप्त की थी। इसलिए भी इस पर्व को विजयदशमी के नाम से मनाया जाता है।

ऐसा भी कहा जाता है कि अश्विन शुक्ल दशमी को तारा उदय होने के समय विजय नामक काल होता है, यह काल सर्व कार्य सिद्धि दायक होता है।

Vijyadashmi

Vijyadashmi: शत्रु पर विजय पाने के लिए इस काल का करे प्रस्थान

एक बार माता पार्वती के पूछने पर भगवान शंकर ने विजयादशमी का महत्व बताते हुए कहा कि इस दिन विजयकाल होता है। इसलिए राजाओं को शत्रु पर विजय पाने के लिए इस दिन प्रस्थान करना चाहिए। इस दिन श्रवण नक्षत्र का योग और भी शुभ माना जाता है। श्री राम ने इसी विजय काल में लंका पर चढ़ाई की थी। शत्रु से युद्ध करने का प्रसंग में होने पर भी राजाओं को इस काल में अपने सैन्य बल के साथ सीमाओं का उल्लंघन करना चाहिए।

Vijyadashmi

Vijyadashmi: इसी काल में शमी वृक्ष ने अर्जुन का धनुष धारण किया

शिव जी ने माता पार्वती से कहा कि दुर्योधन ने पांडवों को हराकर 12 वर्ष के वनवास के साथ 13 वर्ष में अज्ञातवास की शर्त रखी थी। 13 वर्ष में उनका पता लगने पर भी 12 वर्ष का वनवास भोगना था। इस अज्ञातवास में अर्जुन ने अपना धनुष और अन्य शस्त्र एक शमी वृक्ष पर रखें और स्वयं वृहन्नला बनकर राजा विराट के यहां नौकरी करने लगे। जब गौ रक्षा के लिए राजा विराट के पुत्र ने अर्जुन को साथ लिया तो अर्जुन ने शमी वृक्ष से अपना धनुष और शस्त्र उतारकर शत्रु पर विजय प्राप्त की।

Vijyadashmi

Vijyadashmi: शमी ने श्री राम की विजय का उद्घोष किया

विजयदशमी के दिन लंका पर चढ़ाई करने के ठीक पहले शमी वृक्ष ने भगवान श्री राम की विजय का उद्घोष किया था। इसलिए विजय काल में शमी वृक्ष का पूजन किया जाना शुभ माना जाता है।

About Author

3 thoughts on “Vijyadashmi: माता पार्वती के पूछने पर भगवान शिव ने बताया विजयादशमी के दिन शमी वृक्ष के पूजन का महत्व

  1. Pingback: หวยลาว

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

यह भी पढ़े …