Success Story: DM के ड्राइवर का बेटा बना SDM, पिता हुए भावुक…
Success Story: परिवार में से अगर कोई बच्चा अफसर बनता है तो पूरे परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं होता है और परिवार में सबसे ज्यादा खुश उसके माता-पिता ही होते हैं क्योंकि बच्चों की परवरिश में उन्होंने जो भी मेहनत की है आज वह मेहनत सफल हो जाती है इसलिए वही सबसे ज्यादा खुशी अनुभव करते हैं.
दोस्तों आज हम आपको एक ऐसी ही सक्सेस स्टोरी बताने जा रहे हैं जिसमें एक पिता डीएम के ड्राइवर हैं और बेटा यूपी पीसीएस पास करके एसडीएम बन जाता है तो आइए बात करते हैं सफलता की इस कहानी की.
यह कहानी है उत्तर प्रदेश के बहराइच की है जहां के रहने वाले जवाहरलाल स्वयं वहां के डीएम के ड्राइवर हैं और उनके 2 पुत्र हैं जिनमें से उनका बड़ा बेटा संजय सिंह चौकी एनआईटी प्रयागराज से बीटेक करके एक मल्टीनैशनल कंपनी में चीफ इंजीनियर के पद पर कार्य कर रहा है वही जवाहर लाल के छोटे बेटे कल्याण सिंह मौर्या जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर यूपी पीसीएस रिजल्ट में 40वीं रैंक हासिल की है और एसडीएम बन गए हैं.
Success Story: बेटे की सफलता पर भावुक जवाहरलाल
अपने छोटे बेटे कल्याण सिंह मौर्या की सफलता के बारे में बात करते हुए जवाहरलाल बहुत भावुक हो गए उन्होंने कहा मैं तो ड्राइवर हूं पूरा टाइम ड्यूटी पर रहता हूं लेकिन मेरी पत्नी बच्चों को सबसे ज्यादा टाइम देती थीं, गाइड करती थी मेरी पत्नी का ही मेरे दोनों बच्चों की सफलता में सबसे बड़ा योगदान है लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि वह इस खुशी के मौके पर यहां मौजूद नहीं है उनकी 5 साल पहले ही मृत्यु हो चुकी है लेकिन आज हमारे बच्चे जिस भी मुकाम पर हैं वह सब मेरी पत्नी की ही देन है यह सब उन्हीं की मेहनत का फल है जिसे हमारे बच्चों ने सफल कर दिखाया है.
Success Story: कल्याण सिंह का सफर
कल्याण सिंह को यूपी पीसीएस में 40वीं रैंक हासिल हुई है. उनके पिता ने बताया की मेरे बच्चे कल्याण की भी प्रारंभिक शिक्षा बहराइच के नानपारा में हुई है. और उसने इंटरमीडिएट की पढ़ाई बहराइच के सेवेंथ डे एडवेंटिस्ट कालेज से पूरी की. बीएससी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से पूरी करने के बाद कल्याण सिंह ने कैमेस्ट्री से एमएससी करने के लिए एडमिशन आईआईटी दिल्ली में हो गया.
जवाहरलाल ने अपने बेटे की सफलता के बारे में बात करते हुए बताया कि उनके बेटे को असफलताओं का भी सामना करना पड़ा है साल 2021 के यूपीएससी में उनका बेटा आईएएस के इंटरव्यू देने के बाद सिर्फ पांच नंबर कम होने की वजह से सिलेक्ट नहीं हो पाया था. वह अभी एनटीपीसी सोलापुर महाराष्ट्र में सहायक प्रबंधक के पद पर तैनात है।