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Narak Chaturdashi : आखिर क्यों मनाते है नरक चतुर्दशी? क्या है इसके पीछे का कारण

Narak Chaturdashi

Narak Chaturdashi : हम दिवाली के त्यौहार के 1 दिन पहले छोटी दिवाली मनाते हैं। कई जगह पर इसे नरक चतुर्दशी या फिर चौदस नाम से बुलाया जाता है। हमारे हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि भगवान की विधि विधान के साथ पूजा की जाती है तो मनुष्य अपने सारे पापों से मुक्त हो जाता है।

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छोटी दिवाली वाले दिन शाम को घर में दीपक जलाया जाता है। हमारे शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि छोटी दिवाली के दिन दीपदान किया जाता है। वह असल में यमराज के लिए होता है। हमारे हिंदू धर्म में इस त्यौहार का एक अलग ही महत्व है, इसलिए लोग इसे दिवाली त्यौहार की तरह ही मनाते हैं। हम आपको बताएंगे कि नरक चौदस क्यों मनाई जाती है और इसका क्या महत्व है?

Narak Chaturdashi

नरक चौदस के दिन दीपदान करने की एक पुरानी प्रथा चली आ रही है। यहां तक कि दीपदान और नरक चौदस के बारे में कई प्राचीन कथाएं भी प्रचलित है। कई कथाओं में से एक ऐसे भी पता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने राक्षस नरकासुर का वध किया था और 16000 राजकुमारियों को नरकासुर के महल से मुक्त कराया था। इसलिए ऐसी मान्यता है कि कुंवारी कन्याओं को नरक चौदस के दिन घर में दीपदान करना चाहिए।

नरक चौदस के दिन पूजा और व्रत को लेकर भी एक प्राचीन कथा है। कथा ऐसी है कि रति देव नामक एक राजा हुआ करता था। इस राजा ने कभी भी अनजाने में भी कभी कोई पाप नहीं किया। लेकिन देखा जाए तो जब राजा के मृत्यु का दिन पास में आया, उस वक्त यमराज राजा के सामने खड़े हो गए। तब राजा ने सोचा कि मैंने तो किसी भी प्रकार का पाप नहीं किया फिर मुझे यमराज क्यों लेने आ गए हैं?

राजा का कहना है कि यमराज का आना यानी कि उन्हें नर्क में जगह मिलेगी। जब राजा ने यमराज से पूछा कि मैंने तो आज तक कोई भी पाप नहीं किया है तो आप मुझे क्यों लेने आए हो? तब यमराज ने बताया कि एक बार एक ब्राह्मण आपके यहां से भूखा ही चला गया जिस वजह से आपको पाप लग गया है।

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इस बात को सुनने के बाद राजा ने यमराज से 1 साल का वक्त मांगा। राजा दिल का बड़ा ही साफ और पाप मुक्त था। इसलिए यमराज ने राजा को 1 साल की मोहलत दे दी। राजा अपनी जान बचाने के लिए कई ब्राह्मणों के पास गया और अपने पाप से मुक्त होने के उपाय उनसे मांगने लगा।

ब्राह्मणों ने राजा की बात सुनकर उन्हें बताया कि आप कार्तिक महीने की चतुर्दशी के दिन व्रत करें और सभी ब्राह्मणों को भोजन कराएं, जिससे आप पाप मुक्त हो जाएंगे। ऋषियों की बात सुनकर राजा ने बिल्कुल वैसा ही किया। ताकि उसे स्वर्ग में जगह मिल सके। इसीलिए पाप और नरक से मुक्ति प्राप्त करने के लिए नरक चौदस का त्योहार मनाया जाता है और व्रत भी किया जाता है।

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