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Aastha : घर की इस दिशा में लगाएं मां अन्नपूर्णा की तस्वीर, हमेशा रहेंगे अन्न के भंडार भरे हुए

Aastha

Aastha : यह तो हम सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म में अन्नपूर्णा माता को अन्न की देवी माना जाता है। हमारे हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि रसोई घर में माता अन्नपूर्णा का वास रहता है। और तो और माता अन्नपूर्णा की कृपा से ही घर में धन्य और अनाज की कभी कमी नहीं आती। हमने कई बार देखा होगा कि कुछ लोग माता अन्नपूर्णा की तस्वीर अपनी रसोई घर में रखा करते हैं ताकि उनका आशीर्वाद हमेशा बना रहे और अगर हम वास्तु शास्त्र की बात करें तो उस हिसाब से हमें रसोई में माता अन्नपूर्णा की तस्वीर रखनी ही चाहिए, क्योंकि इसे काफी शुभ माना जाता है।

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कई जगहों पर तो माता अन्नपूर्णा के साथ-साथ हरी-भरी सब्जियां या फलों की भी तस्वीरें रसोई घर में लगाई जाती है। हमारे ज्योतिष ज्ञानियों का ऐसा मानना है कि रसोई घर में हरी सब्जियों या माता अन्नपूर्णा की तस्वीर होने से घर में धन्य और अनाज की कभी भी कमी नहीं होती।

अन्नपूर्णा की तस्वीरें ज्यादातर गुजराती समाज के लोग अपनी रसोई में लगाते हैं। इनमें से आपने देखा होगा कि एक तस्वीर में भगवान शिव को माता अन्नपूर्णा अन्न का दान करती हुई नजर आ रही होगी। इस तस्वीरों को देखकर कई लोग तो अनदेखा कर देते हैं। लेकिन कुछ लोगों के मन में यह सवाल आता है कि यह तस्वीर लोग रसोई में क्यों लगाते हैं? आज हम आपको इस बारे में बताएंगे यहां तक कि एक प्राचीन कथा भी है जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

Aastha : यपौराणिक मान्यता के अनुसार

प्राचीन कथाओं के अनुसार माता अन्नपूर्णा की तस्वीरों का वर्णन हमारे शास्त्रों में भी किया गया है। हम आपको एक पुरानी बात बताते हैं। एक बार सभी देवी देवताओं ने मिलकर ब्रह्मा को माया से श्रेष्ठ बता दिया था। और तो और सभी देवी देवताओं की बात सुनकर भगवान शिव ने कहा कि भोजन भी एक माया का ही रूप है।

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शिव जी के बात सुनने के बाद आदि शक्ति ने अपनी सारी माया दुनिया से ही अपनी और खींच ली। आदि शक्ति द्वारा नाराज हो जाने पर पूरी सृष्टि में अन्न का अकाल पड़ने लग गया था। लेकिन देखा जाए तो भगवान शंकर जी आदिशक्ति के क्रोध को भलीभांति पहचानते थे। आदि शक्ति के गुस्से को शांत करने के लिए शंकर भगवान ने एक तरकीब अपनाई और उन्होंने भिक्षु का रूप धारण कर आदि शक्ति के सामने गए। आदिशक्ति के सामने जाने के बाद शंकर भगवान ने उनसे अन्न का दान मांग लिया था।

भिक्षु बने शंकर भगवान की पुकार सुनने से आदिशक्ति का मन पसीज गया और उन्होंने दान में अनाज दे दिया। जब आदि शक्ति अनाज देने के लिए भिक्षुक के करीब गईं तब उन्होंने देखा कि वह तो उनके पति शंकर भगवान है। अपने पति को देखने के बाद माता का मन शांत हो गया और फिर से पूरी सृष्टि में धन और अनाज की वर्षा होने लग गई। इसीलिए सभी लोग माता अन्नपूर्णा की तस्वीर अपने रसोई में लगाना शुभ समझते हैं, ताकि उनका अनाज का भंडार कभी भी खाली ना हो।

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