IAS-IPS Officers: देश का एक ऐसा गांव जहां हर घर में हैं IAS-IPS अधिकारी
IAS-IPS Officers: अगर युवाओं को सही गाइडेंस अपने बड़ों से मिल जाती है और उन्हीं से मोटिवेशन भी मिल जाए तो क्या ही कहना ऐसा ही हुआ है उत्तर प्रदेश के गांव में जिसका नाम माधोपट्टी है इस गांव ने प्रशासनिक अधिकारियों की फौज खड़ी कर दी है. इस गांव में महज 75 घर है लेकिन इन 75 घरों में से 47 घरों में आपको प्रशासनिक अधिकारी देखने को मिल जाएंगे जो कि आईएएस (IAS), आईपीएस (IPS) और आईएफएस (IFS) के पदों पर कार्यरत हैं इस गांव के सभी अधिकारी सीएम और पीएमओ से लेकर विदेशों में भी कार्यरत है.
IAS-IPS Officers: एक ही घर से निकले 5 अधिकारी
इसी गांव में एक परिवार ऐसा भी है जिनके 5 लोग अधिकारी के पदों पर कार्य कर रहे हैं और भारत माता की सेवा कर रही हैं उनमें से तो कुछ ने विदेशों में भी भारतीय राजदूत के तौर पर कार्य किया है और अपने गांव का और परिवार का नाम रोशन किया. इस गांव के ग्रामीणों ने इस परिवार के बारे में बताया कि इन पांचो भाइयों ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस का पद हासिल किया है. ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार 1952 में इंदू प्रकाश सिंह ने यूपीएससी में दूसरी रैंक हासिल की थी. इंदू फ्रांस समेत दुनिया के कई देशों में भारत के राजदूत के तौर पर कार्य किया है.
फिर बात करे इनके बड़े भाई विजय की तो उन्होंने 1955 में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की थी. इसके बाद इंदू प्रकाश सिंह के दूसरे भाई छत्रपाल सिंह और अजय कुमार सिंह ने 1964 में सिविल सर्विस की परीक्षा में सफलता प्राप्त की थी. इन चारों के बाद छोटे भाई शशिकांत सिंह ने 1968 में सिविल सर्विस की परीक्षा में सफलता हासिल की इस प्रकार पांचों भाइयों ने अधिकारी बन देश की सेवा की है.
IAS-IPS Officers: इसे गांव में अधिकारी बनने की प्रथा है बेहद पुरानी
दोस्तों आपको बता दें कि माधोपट्टी गांव में प्रशासनिक सेवाओं में जाने की प्रथा आजादी के पहले से ही चली आ रही है साल 1914 में मोहम्मद मुस्तफा हुसैन डिप्टी कलेक्टर बने थे जो मशहूर शायर वामिक जौनपुरी के पिता थे. इस गांव के युवा और पूरा का पूरा गांव ही देश के पूरे गांव और युवाओं के लिए एक रोल मॉडल बना हुआ है इस गांव की खास बात यह है कि इस गांव में कोई कोचिंग सेंटर भी नहीं है सभी युवा बिना कोचिंग सेंटर के ही पढ़ाई करते हैं और सफलता प्राप्त करते हैं.
IAS-IPS Officers: युवाओं में है ऑफिसर बनने की जिद्द
माधोपट्टी गांव के युवाओं में एक खास तरह का जुनून देखा गया है इस गांव के युवा प्रशासनिक अधिकारी बनने के लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं और इनके अंदर एक अधिकारी बनने की जिद है कई युवा है जो यूपीएससी की एग्जाम पास नहीं कर पाए और उन्हें यूपीएससी में सफलता नहीं मिली तो वह युवा पीसीएस की परीक्षा पास कर एसडीएम (SDM) के रूप में कार्य कर रहे हैं. इसी कारण यह गांव देश के दूसरे गांव और युवाओं के लिए एक रोल मॉडल बना हुआ है।