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मंदिर: इस मंदिर में औरंगजेब को भी टेकने पड़े थे घुटने, अब तक जलती है अखण्ड ज्योत

मंदिर

मंदिर: आप सभी जानते हैं कि हमारे इतिहास में बताया गया है कि औरंगजेब चाहता था कि वह सारे हिंदू धर्म के मंदिरो को तोड़ दे। यहां तक कि औरंगजेब अपनी कोशिश में कामयाबी हो रहा था, उसने करीब हजारों मंदिरों को तोड़ दिया था। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि राजस्थान के एक मंदिर के सामने औरंगजेब ने अपने माथे को नीचे कर दिया। यह तो आप सभी जानते हैं कि राजस्थान में जीण माता का मंदिर बड़ा ही फेमस है.

यह मंदिर सीकर जिले में मौजूद है। ऐसा बताया जाता है कि यह जीण माता के मंदिर में आकर औरंगजेब को नतमस्तक होना पड़ा। औरंगजेब ने जब जीण माता के मंदिर का चमत्कार के बारे में सुना तो उसने अखंड ज्योत जलाने का ऐलान किया। यहां तक कि दिल्ली से वह मंदिर के लिए घी भेजा करता था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उस समय से लेकर आज तक मंदिर में अखंड ज्योत जल रही है।

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मंदिर: मंदिर को तोड़ना चाहता भंवरों की सेना ने किया आक्रमण

जीण माता की पुरानी कथाओं के बारे में अगर आप सुनेंगे तो आपको पता चलेगा कि पराक्रम से आक्रमण करने वाला औरंगजेब भी माता के चमत्कार से प्रभावित हो गया था। बड़े बुजुर्गों का कहना है कि जब औरंगजेब उत्तर भारत में युद्ध करते हुए सीकर में जीण माता के मंदिर के यहां पहुंचा तो वह सीकर में मौजूद जीण माता का मंदिर भी तोड़ना चाहता था। जब औरंगजेब सीकर में पहुंचा तो मंदिर के पुजारी और गांव वालों ने औरंगजेब से मंदिर ना तोड़ने की कई मिन्नते भी की थी।

ऐसा बताया जाता है कि जीण माता ने खुद मुगलों की सेना पर हजारों करोड़ों भंवरों की सेना छोड़ दी थी। जिसकी वजह से मुगल सेना घबरा गई और वह हमला करने से पीछे हट गई। जब इस चमत्कार के बारे में औरंगजेब को पता चला तो वह दंग रह गया और फिर औरंगजेब ने अपनी गलती मानते हुए मंदिर में दर्शन किए और अखंड ज्योत जलाई। अखंड ज्योत को जलते रहने देने के लिए औरंगजेब ने दिल्ली से तेल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी और हैरान करने वाली बात यह है कि आज तक उस मंदिर में अखंड ज्योत जल रही है।

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मंदिर: खाटूश्यामजी से 26 किलोमीटर दूर है जीण माता का मंदिर

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जीण माता के मंदिर से करीब 26 किलोमीटर दूर ही खाटू श्याम जी का मंदिर स्थित है। यहां तक कि जयपुर से सीकर 115 किलोमीटर दूर है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नवरात्रि और चैत्र महीने में जीण माता के मंदिर में बहुत भव्य मेला भी लगता है। हैरान वाली बात यह है कि पूरे देश भर से इस मेले में लोग अपनी श्रद्धा लेकर आते हैं। यहां तक कि फाल्गुनी महीने में खाटू श्याम जी के दर्शन करने वाले भक्तों जीण माता का दर्शन किए बगैर नहीं जाते।

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