SC Act की सुरक्षा के लिए शिलाई में सड़कों उतरें लोग, जाने क्या क्या है वजह?
गिरिपार क्षेत्र शिलाई में सैकड़ों लोगों ने गिरिपार को जनजातीय घोषित के साथ पीछे SC के अधिकारों को सुरक्षित रखने हेतु लोगों ने आवाज उठाई है. इसके लिए अनुसूचित जाति अधिकार संरक्षण समिति जिला सिरमौर ने शिलाई में अनुसूचित जाति वर्ग के अधिकारों के संरक्षण को लेकर निकाली गई लोगों को भय है कि अनुसूचित जाति के लोगों को पंचायत रोस्टर के नुकसान और जातीय प्रताडऩा से बचाने वाले एससी एसटी कानून के निष्क्रिय हो सकता है. जिसके कारण शिलाई में एक बड़े स्तर पर बैठक की गई, ज्सिमे सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया । इस दौरान मक्ट्हन किया गया कि गिरिपार क्षेत्र को यदि जनजातीय क्षेत्र घोषित किया जाता है तो उसमें अनुसूचित जाति वर्ग के अधिकारों का संरक्षण किया जाना चाहिए। इसके आलावा रैली में अनुसूचित जाति अधिकार संरक्षण समिति जिला सिरमौर के प्रधान अनिल मंगेट ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि इस रैली
इस दौरान एसडीएम शिलाई के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौपा जिसमें ये गुहार लगाई गई कि इस क्षेत्र को जनजातीय घोषित करने से पहले उनके संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा की जाएं। इस बैठक एवं रैली में केवल और केवल गिरिपार क्षेत्र के सब डिवीजन संगड़ाह, शिलाईए पांवटा साहिब, राजगढ़ और कफोटा के लोगों ने भाग लिया। समिति के जिला मीडिया प्रमुख सुरेंद्र धर्मा, शिलाई समिति के मीडिया प्रभारी दीप जमथेटका एटीआर नींटा ने कहा कि किसी जातिए वर्ग समुदाय और सरकार से लड़ाई नहीं है वह सिर्फ अपने अधिकारों की सुरक्षा चाहते है। सभी वक्ताओं ने साफ -साफ शब्दों में कहा कि सरकार अगर इस क्षेत्र को जनजाति घोषित करना चाहती है तो करें परंतु उनके अधिकार सुरक्षित रखने के लिए पहले प्रयास करें। वक्ताओं ने अपने चेताया कि अगर 40 फीसदी आबादी की अनदेखी कर इस क्षेत्र को जनजातीय घोषित किया गया तो अनुसूचित जाति के लोग इसे बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। अनुसूचित शिलाई समिति के प्रधान सुनील वर्मा ने कहा कि वह संविधान को मानने वाले शांतिप्रिय लोग है परंतु अगर उनके खिलाफ षड्यंत्र रच उनके अधिकारों का हनन किया जाएगा तो वह चुप नहीं बैठेंगे। जिला प्रधान अनिल मंगेट ने कहा कि अगर उनकी मांग को नजरअंदाज किया जाता है तो भविष्य में हर चुनाव क्षेत्र में इस तरह की रैलियों का आयोजन किया जा सकता है।