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संस्कारों की सीख से होता है व्यक्तित्व का चहुंमुखी विकास-संजय पराशर

संस्कारों की सीख से होता है व्यक्तित्व का चहुंमुखी विकास-संजय पराशर

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कैप्टन संजय पराशर ने कहा है कि यदि माता-पिता व गुरुजन अबोध बच्चों में नैतिक मूल्यों की समझ विकसित कर सकें और विद्यार्थियों को कठिन परिश्रम व लग्न से किसी भी कार्य करने की सीख प्रदान करें तो निश्चित तौर पर भारत फिर से विश्व गुरू बनने की ओर अग्रसर हो सकता है। रविवार को सरस्वती विद्या मंदिर, कटौहड़ खुर्द के को वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह मे बतौर मुख्य अतिथि पधारे संजय पराशर ने कहा कि संस्कारों की यही सीख घर-परिवार से शुरू होकर विद्यालय पहुंचती है और वहां गुरु-शिष्यों के बीच तराश कर इसे मूर्तरूप दिया जाता है। जब बच्चे के भीतर अनुशासन की आदत हो जाती है तो निश्चित रूप से उसे बेहतर शिक्षा प्राप्त करने की राह मिल जाती है। इसके बाद नैतिक मूल्य, संस्कार और कर्तव्य के भावों से सींचे गए सज्जन व्यक्तित्व को जीवनभर किसी तरह की मुश्किल आड़े नहीं आती। इससे विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का तो चहुंमुखी विकास होता ही है, साथ ये बच्चे आगे चलकर समाज व देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के वैसे तो सभी विद्यालय विद्यार्थियों को बेहतरीन शिक्षा का वातावरण प्रदान कर रहे हैं, लेकिन यदि संस्कारों व नैतिक मूल्यों को लेकर तुलना की जाए तो सरस्वती विद्या मंदिर इस दिशा में अहम व महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। पराशर ने कहा कि भोजन करने से पहले प्रभु की अराधना और सनातन धर्म की परंपराओं का निर्वहन सरस्वती विद्या मंदिर के विद्यार्थियों में देखने को मिलता है। पराशर ने सरस्वती विद्या मंदिर, कटौहड़ खुर्द स्कूल की बढ़िया कारगुजारी ब बच्चों में अनुशासन को लेकर स्कूल प्रबंधन की सराहना की।कहा की सरस्वती विद्या मंदिरों में शिक्षा के साथ साथ बच्चों को जो संस्कार दिए जाते है, वह काबिलेतारीफ हैं इससे पहले स्कूल स्टाफ व बच्चों द्वारा बेंड बाजों के साथ संजय पराशर का स्वागत किया गया। कार्यक्रम का आगाज सरस्वती माता को ज्योति प्रज्वलित कर किया गया। स्कूल प्रबंधन द्वारा इस मौके पर पराशर को शाल, टोपी व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा एक से बढ़ कर एक रंगारंग व सांस्कृतिक प्रस्तुति से पंडाल में उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया। स्कूल प्रिंसिपल मीनाक्षी शर्मा द्वारा विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। उन्होंने इस मौके पर स्कूल की उपलब्धियों ब शिक्षा में गुणवत्ता को लेकर उठाए गए कदमों का उल्लेख किया। मीनाक्षी ने सभी अभिभावकों के समय-समय पर मिलने वाले सहयोग के लिए धन्यवाद प्रकट किया। उन्होंने कहा की उनके स्कूल में बच्चों को पढ़ाई के साथ साथ अन्य गतिविधियों पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। मुख्यातिथि संजय पराशर ने मेधावी बच्चों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

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