Shivdham:मंडी में बन रहे शिवधाम का अनुबंध समाप्त, नए सिरे से टेंडर करेगा पर्यटन विभाग
मंडी में बन रहे शिवधाम का अनुबंध समाप्त, नए सिरे से टेंडर करेगा पर्यटन विभाग
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी में बन रहे महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट शिवधाम का कान्ट्रैक्ट टर्मिनेट करने के निर्देश हो गए हैं। करीब चार महीने से इस प्रोजेक्ट पर काम नहीं हो रहा और कान्ट्रैक्टर की लेबर भी भाग गई है। फरवरी 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था, जिसकी कुल लागत 150 करोड़ से ज्यादा होनी थी। इस प्रोजेक्ट को पर्यटन विभाग के अपने बजट से ही बनाया जा रहा था।पहले चरण के काम के लिए 40 करोड का टेंडर मुंबई की एक फर्म को दिया गया, जिसमें अभी तक करीब 60 फीसदी काम ही किया है, लेकिन राज्य में चुनाव आचार संहिता लगने के बाद इस प्रोजेक्ट पर काम रुक गया था और यह कई महीनों से ठप पड़ा है। पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक जब नई सरकार के मुख्यमंत्री ने ली थी, तो विभाग की ओर से सारा अपडेट इस बैठक में रखा था। अब पर्यटन सचिव की तरफ से फाइल पर यह निर्देश आ गए हैं कि कॉन्ट्रैक्ट को टर्मिनेट कर दिया जाए। हालांकि टर्मिनेशन के बाद नया टेंडर करने को लेकर अभी पर्यटन विभाग को फैसला लेना है। यदि कांट्रेक्टर आर्बिट्रेशन में गया तो यह मामला भी कोर्ट जाएगा। लेकिन इस पूरे विवाद में अब पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का ये ड्रीम प्रोजेक्ट बीच में लटक गया है।मनमानी करने पर गाजपर्यटन विभाग के निदेशक अमित कश्यप ने बताया कि कांट्रेक्टर शर्तों के मुताबिक काम नहीं कर रहा है और पिछले चार महीने से काम ठप पड़ा है। इसलिए सरकार ने इस कॉन्ट्रैक्ट को टर्मिनेट करने के निर्देश दिए हैं। आगे की कार्रवाई पूरी की जा रही है।भाजपा ने अधूरा छोड़ा प्रोजेक्टमंडी के कांगनीधार में इस प्रोजेक्ट को छोटी काशी में धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने के लिए शुरू किया था। फरवरी 2021 में जब इसका शिलान्यास किया गया तो इसके प्लान में 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन एक ही स्थान पर करवाने का प्रावधान भी था। यहां भगवान शिव के अलावा माता पार्वती, कार्तिकेय और गणेश भगवान की प्रतिमाएं भी होनी थी। इसके अलावा हर्बल गार्डन, नक्षत्र वाटिका, एमफी थिएटर और सैकड़ों गाडिय़ों की पार्किंग की सुविधा भी यही बनी थी। यहां पर गंगा कुंड के साथ शिव वंदना के नाम से ओरियंटेशन सेंटर भी प्रस्तावित किया गया है। पूर्व भाजपा सरकार अपने कार्यकाल के दौरान इस प्रोजेक्ट को पूरा नहीं कर पाई और अब सेकंड फेज वैसे ही हवा में लटक गया है।