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किसानों की आय पर राजस्थान में राजनीति, महंगाई ने तोड़ी किसानों की कमर


Farmers Income: केंद्एर सरकार के एक सर्वे 2018-19 के दौरान किसान परिवारों की औसत मासिक आय मात्र 10, 18 रुपये तक ही आंकी गई थी, जिसको लेकर केंद्र सरकार ने किसानों की आय को दुगनी करने हेतु नई नीतियों पर काम करन शुरू तो किया है लेकिन किसानों की आय में कुछ ज्यादा फर्क देखने को नहीं मिल रहा है. हाल ही में नीति आयोग की एक बैठक में अशोक गहलोत ने कहा कि महंगाई को देखते हुए किसानों की आय करीब 21,600 रुपये प्रतिमाह होनी चाहिए.

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आखिर कितनी होनी चाहिए किसानों की औसत आय?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2016 में वादा किया था कि 2022 तक किसानों की आय डबल कर दी जाएगी. जिसकों लेकर सियासत तेज हो गई है. जहाँ तक बात किसानों की आय को लेकर है, वहा पर न तो कोई नया सर्वे हुआ है और न कोई ऐसा आंकड़ा सामने आया है जिसमे यह साबित हो कि किसानों की आय दुगुनी हो चुकी है. लेकिन, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने हाल ही में देश के ऐसे 75 हजार किसानों की सक्सेस स्टोरी पर एक ई-बुक रिलीज की है कि जिनकी आय डबल या उससे अधिक हो चुकी है. सरकार ने लोकसभा में भी किसानों की आय को लेकर 2018-19 का डाटा दिया है. जब किसान परिवारों की औसत मासिक आय लगभग 10,218 रुपये आंकी गई थी.
आय दुगनी के मुद्दे पर कोंग्रेस ने घेरा


जहा तक बात करें कांग्रेस शासित प्रदेशों की तो राजस्थान सरकार ने नीति आयोग की बैठक में एक नया राग अलाप दिया है. सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि महंगाई के हिसाब से किसानों की औसत मासिक आय 10 हजार से अधिक 21,600 रुपये प्रतिमाह होनी चाहिए. और इस लक्ष्य को पूरा करने हेतु सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए. गहलोत के इस बयां के बाद किसानों की आय को लेकर नई बहस शुरू हो गई है. जबकि राजस्थान में भी किसानों की औसत मासिक आय सिर्फ 12520 रुपये तक ही है. जहा तक बात करें राष्ट्रीय औसत की तो इस राज्य में यह अधिक ही है. इसके आलावा में कांग्रेस शासन के वक्त 2013 में किसानों की औसत मासिक आय 6426 रुपये ही थी.

कैसे होगी किसानों की इतनी आय ?
एमएसपी और क्रॉप डायवर्सिफिकेशन के लिए हाल ही में बनाई गई केंद्र सरकार की कमेटी के सदस्य गुणवंत पाटिल का कहना है कि किसानों की औसत मासिक आय 21,600 रुपये होना संभव है. लेकिन, किसानों को खेती के पारंपरिक तौर-तरीके बदलने होंगे. टेक्नोलॉजी को स्वीकार करना होगा. धान और गेहूं की खेती से तो इतनी आय संभव नहीं है. इसीलिए फसल विविधीकरण पर फोकस किया जा रहा है. ताकि किसानों की आय बढ़े और पानी की बचत हो.

पीएम किसान: 24000 रुपये सालाना देने की मांग
सीएम अशोक गहलौत से पीएम किसान योजना के तहत सालाना मिल रही 6000 रुपये की रकम को बढ़ाकर 24,000 रुपये करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसान परिवारों को दी जाने वाली राशि बढ़ाकर 2000 रुपये प्रतिमाह करने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने के लिये मनरेगा, ग्रामीण विकास और कृषि के बजट में पर्याप्त बढ़ोतरी करने की मांग उठाई.

राजस्थान ने किसानों के लिए क्या किया?
गहलोत ने बताया कि राजस्थान सरकार प्रत्येक किसान परिवार को बिजली सब्सिडी के रूप में 1,000 रुपये प्रतिमाह का लाभ दे रही है. राजस्थान सरकार ने वर्ष 2022-23 से अलग कृषि बजट लागू किया है. किसानों की सुविधा के लिए समग्र कृषि पोर्टल विकसित किया है. उन्होंने कहा कि कृषि संबंधित सभी योजनाओं पर केन्द्र सरकार को अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 75 प्रतिशत करनी चाहिये. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना तथा बाजार हस्तक्षेप योजना में संशोधन की मांग करते हुए हानि सीमा 25 प्रतिशत से अधिक होने पर उसका भार राज्य सरकार पर डालने के प्रावधान को समाप्त करने की मांग की है.

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