Himachal News: तिब्बत की आजादी के लिए उठी मंडी से आवाज़
Himachal Fast: तिब्बती राष्ट्रीय विद्रोह की आज वर्षगांठ है। मंडी के सेरी मंच पर भी कार्यक्रम का आयोजन हुआ। 64वें वर्षगांठ पर तिब्बत में चीन की दमनकारी नीतियों का सामना करते हुए कई तिब्बती मौत के आगोश में समा चुके हैं। उन सभी तिब्बतियों को याद किया गया।
इस मौके पर तिब्बति संसद ने परमपावन दलाईलामा के दीर्घायु होने की कामना की है।तिब्बती राष्ट्रीय विद्रोह की आज 64वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। तिब्बतियों के राष्ट्र विद्रोह की 64वीं वर्षगांठ स्मरण दिवस पर मंडी के सेरी मंच पर तिब्बति सांसद का वक्तव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ।
.तिब्बती राष्ट्रीय विद्रोह की वर्षगांठ मनाई जाती है
उन्होने कहा कि हर साल 10 मार्च को .तिब्बती राष्ट्रीय विद्रोह की वर्षगांठ मनाई जाती है। मंडी के सेरी मंच पर आज आयोजित हुए कार्यक्रम में रिवालसर और पंडोह से तिब्बती समुदाय से जुडे लोगों ने भाग लिया और चीन की दमकारी नितियों का विरोध जताया।
तिब्बति संसद ने परमपावन दलाईलामा के दीर्घायु होने की कामना की
इस मौके पर तिब्बति संसद ने परमपावन दलाईलामा के दीर्घायु होने की कामना की है।वही दिनेश कुमार ने कहा कि चीन का सबसे पहले तिब्बत शिकार हुआ जिससे दलाई लामा को वंहा से निर्वासित होना पड़ा है। चीन की दमकारी नितियों का शिकार भारत भी हुआ लेकिन भारत ने चीन को मुंह तोड़ जवाब दिया। उन्होने ेसभी से आग्रह किया कि वे निर्वासित तिब्बत के संघर्ष में साथ दे ताकि वो अच्छा जीवन व्यतीत कर सके।