Bheem: पढ़िए भीम के हजारों हाथियों के बल की पौराणिक कथा!!
Bheem: हम शास्त्रों में कई पौराणिक कथाएं सुनते रहते हैं। आज ऐसी ही एक पौराणिक कथा के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। त्रेता युग के दौरान कई ऐसे वानर, देव और दैत्य थे जिनमें अपार शक्ति पाई जाती है। यहां तक कि ताड़का राक्षसी में एक हजार हाथियों की शक्ति थी। तो इसी तरह राम के लिए युद्ध करने वाली सुग्रीव की सेना में भी हजारों हाथियों का बल पाया गया था। त्रेता युग के बाद द्वापर युग की बारी आई। ज्यादा बलशाली राजाओं के बारे में कुछ लिखा नहीं गया है। वही दूसरी और अगर हम इंसानों की बात करें तो महाभारत के काल के दौरान धृतराष्ट्र, श्री कृष्ण बलराम, कीचक और जरासंध मल्लयुद्ध के बड़े नाम थे, इन्हीं महापुरुषों में भीमसेन का नाम आता है।
भीमसेन पांच पांडवों में से एक का नाम है, जो कि अपार शक्तिशाली था। इनके माता का नाम कुंती था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कुंती को भगवान पवन देव के वरदान से ही भीम मिले हैं या आप ऐसा कह सकते हो कि पवन देव के अंश से ही भीम का जन्म हुआ है। यह भी हनुमान जी की तरह बड़े ही शक्तिशाली थे। यहां तक कि कौरव और पांडवों में इन सबसे भारी इन्हीं का शरीर था। आज हम आपको एक कथा सुनाने जा रहे हैं। बचपन से ही भी पांडवो से सभी कौरव पुत्र जला करते थे। यहां तक कि वे रोजाना इस फिराक में रहते थे कि वह किस तरह से भीमसेन को मार सकते हैं।
ऐसा ही एक किस्सा हम आपको बताने जा रहे हैं। महाभारत में लिखा गया है कि 1 दिन गंगा तट पर क्रीडा के दौरान दुर्योधन ने भीम को बातों में उलझा कर विष वाली खीर खिला दी थी। खीर खाने के बाद भीमसेन को बेहोशी हो गई और फिर कौरवों ने मिलकर भीम को नदी में फेंक दिया। जिसमें बेहोशी की हालत में भीम डूबते डूबते हुए नाग लोग पहुंच गए। उस नाग लोक में पहुंचने पर भीम को उन सांपों ने डसना शुरू कर दिया, जिस वजह से भीम का जहर कम होने लगा। जब भीम होश में आया तो उसने देखा कि उसके आसपास हजारों नाग उसे डस रहे हैं तो उसने सभी सांपों को मारना शुरू कर दिया।
उस दौरान पुरंधी नागराज वासुकी मंत्री आर्यन के साथ भीम के पास पहुंचे और उन्होंने बताया कि वे उनके नाना के नाना लगते हैं। उसके बाद वासुकी ने भीमसेन का बड़े ही आदर सम्मान के साथ आदर किया। फिर मंत्री आर्यन के कहने पर नाग लोक के 8 ऐसे देवकुंडो का रस पिलाया गया। जिस वजह से भीम में और भी ज्यादा बल एकत्रित हो गया। 8 दिन बाद जब भीम अपनी नींद से जागे तो उनके अंदर हजारों हाथ में जितना बल आ चुका था। जब भीम ने वासुकी से विदा मांगा तो वासुकी ने भीम को उनके घर पहुंचा दिया।