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Bollywood news: पुरानी फिल्मों की नाजिमा क्या आपको आज भी याद है ?

ओ फिरकी वाली तू कल फिर आना, नहीं फिर जाना तू अपनी जुबान से ओ तेरे नैना हैं बईमान से, कहा गई इस गाने की चुलबुली हीरोइन नाजिमा…….

Source -भूले बिसरे नग्मे (Facebook)
Bollywood news: किसी को यकीन नहीं होगा कि संजीव कुमार की बतौर नायक पहली फिल्म ‘निशान’ (1965) की नायिका नाजिमा ही थी। याद करें इस गाने को…हाए तबस्सुम तेरा धूप खिल गई, रात में या बिजली गिरी बरसात में….संजीव के साथ नाजिमा की एक अन्य फिल्म भी याद आती है, प्रसाद प्रोडक्शन की गोल्डन जुबली हिट ‘राजा और रंक’…ओ फिरकी वाली तू कल फिर आना, नहीं फिर जाना तू अपनी जुबान से ओ तेरे नैना हैं बईमान से। ‘अधिकार’ में देब मुखर्जी उनके दीवाने थे… कोई माने या न माने जो कल तक तक थे अनजाने वो आज हम जान से प्यारे हो गए…जैमिनी की ‘औरत’ (1967) में राजेश खन्ना के ऑपोज़िट थीं नाजिमा…शोला उल्फत का भड़का दे दिल में आग लगा दे…बाद के दिनों में संजीव कुमार और राजेश खन्ना तो सफलता की सीढ़ियां चढ़ते ही गए, मगर नाजिमा को कुछ नहीं मिला।

source Google – Nazima Hindi film actress

हिंदी सिनेमा की मशहूर बहन

दो साल बाद ‘डोली’ में वो राजेश की बहन का किरदार कर रही थीं। फिर तो वो स्थाई बहन हो गयीं, वो भी दुखियारी बहना, ‘ग़ज़ल’ में सुनील दत्त की तो ‘बेईमान’ में मनोज कुमार की…ये राखी बंधन है ऐसा….’अनजाना’ में राजेंद्र कुमार के पीछे राखी लेकर घूमना पड़ा…हम बहनों के लिए मेरे भैया, आता है एक दिन साल में…पब्लिक को भी उनमें परफेक्ट दुखियारी बहन दिखने लगी, उनकी खिलखिलाहट नहीं सुनाई दी।

source google- Nazima and Rajendra Kumar

सहेली के रोल में भी जमकर किया पसंद


‘अप्रैल फूल’ में नाजिमा को सायरा बानो की बहन बनना पड़ा तो ‘जिद्दी’ में आशा पारेख की। ‘आरजू’ में वो राजेंद्र कुमार की बहन थीं तो साधना की सहेली भी…जब इश्क़ कहीं हो जाता है तो ऐसी हालात होती है…’आये दिन बहार के’ में वो आशा पारेख को आड़े वक़्त में सहारा देने वाली पक्की सहेली थीं, लगभग समानांतर भूमिका में…ए काश किसी दीवाने को हमसे भी मोहब्बत हो जाए…राजश्री फिल्म्स की कॉमेडी ‘हनीमून’ में सहेली लीना चंद्रावरकर के साथ भी नाजिमा का रोल बराबरी का था, जिसमें दोनों अपने बॉय फ्रेंड्स से नाता तोड़ कर अरेंज मैरिज करती हैं, मगर संयोग से लीना का पति अनिल धवन नाजिमा का एक्स बॉय फ्रेंड होता है और नाजिमा का पति सुरेश चटवाल लीना का एक्स बॉयफ्रेंड। दुर्भाग्य ये रहा कि लीना-अनिल पर तो दो-दो गाने फिल्माए गए, लेकिन नाजिमा-सुरेश पर एक भी नहीं। ऐसा ही करते हैं डायरेक्टर, किसी को उठाओ तो किसी को गिराओ। सबके अपने इंटरेस्ट होते हैं।

source google- Famus Heroin Nazima old Hindi film

‘रेसीडेंट सिस्टर’ का मिला किताब


सत्तर के सालों की फिल्मी दुनिया नाजिमा को ‘रेसीडेंट सिस्टर’ कहती थी। नाजिमा ने इस बदहाली के लिए खुद को ही कसूरवार माना। नायिका के रोल के लिए लंबा इंतजार उनसे बर्दाश्त नहीं हुआ, इसलिए जो भी ऑफर आया, झट से स्वीकार कर लिया ये सोच कर कि प्रोडक्शन बड़ा है, फिर जिसकी बहन या सहेली बनना है, वो नामी स्टार हैं। उनकी सुंदरता, प्रतिभा सब धरी की धरी ही रह गयी। उनके आंसुओं में किसी को दर्द नहीं दिखा, गलेसरीनी समझे गए। हमने ‘दयारे मदीना’ (1975) में नाजिमा को अंतिम बार देखा था। उसके बाद वो अचानक ही गायब हो गयीं। तरह-तरह की अफवाहें उड़ीं। किसी ने लिखा, उन्हें कैंसर है तो किसी ने स्वर्ग ही भेज दिया, ये शीर्षक लगाते हुए कि सबसे ज़्यादा ‘रेप’ का शिकार हुई ये बहना।
साभार -वीर छाबड़ा जी

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