Diwali Pujan Time : दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी के पूजन का यह है सर्वश्रेष्ठ समय, देखे शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Diwali Pujan Time : हिंदू धर्म और भारत देश में दिवाली का त्यौहार सबसे बड़ा माना जाता है. इस दिन सभी लोग बड़े धूमधाम से दिवाली का त्यौहार मनाते हैं. इस दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है और उनसे आशीर्वाद लिया जाता है. इस बार छोटी और बड़ी दिवाली एक ही साथ मनाई जाएगी.
दिवाली का त्यौहार कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाया जाता है. इस दिन लक्ष्मी माता भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती है. इस दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश जी और धन के देवता कुबेर की पूजा भी की जाती है. पंडितों के अनुसार इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करना श्रेष्ठ माना गया है. आइए हम बताते हैं आपको मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करने का शुभ मुहूर्त…
Diwali Pujan Time : दिवाली का शुभ मुहूर्त
भारत देश में लोगों की मान्यता है कि अगर कोई काम शुभ मुहूर्त के अनुसार किया जाता है तो वह जरूर पूरा होता है. शुभ मुहूर्त में की गई पूजा से भगवान प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. शुभ मुहूर्त में किए गए काम में कोई भी अड़चन नहीं आती और देवी देवताओं का आशीर्वाद बना रहता है. आइए जानते हैं दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा का शुभ मुहूर्त और समय…
प्रदोष पूजा मुहूर्त : 24 अक्टूबर शाम 5:50 मिनट से लेकर रात 8:22 तक
लक्ष्मी माता का पूजा मुहूर्त : 24 अक्टूबर शाम 6:53 से लेकर रात 8:16 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त : 24 अक्टूबर को सुबह 11:00 बजकर 19 मिनट से लेकर 12 बजकर 5 मिनट तक
विजय मुहूर्त : 24 अक्टूबर दोपहर 1:36 से लेकर दोपहर 02:21 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त : 24 अक्टूबर शाम 5:12 से लेकर 5:36 तक
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बार कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर को शाम 5:27 से शुरू हो रही है और यह अगले दिन 25 अक्टूबर को शाम 4:18 पर समाप्त होगी. 25 अक्टूबर को इस बार अमावस्या तिथि होने के कारण 24 अक्टूबर को ही दिवाली का त्यौहार मनाया जाएगा.
Diwali Pujan Time : लक्ष्मी-गणेश पूजन विधि
दिवाली के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर ले और पूजा का संकल्प लें. इसके बाद मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और सरस्वती माता की मूर्ति के साथ धन के देवता कुबेर की मूर्ति भी स्थापित करें. सबसे पहले एक चौकी ले और उस पर लाल कपड़ा बिछा दे. इसके बाद देवताओं की मूर्ति रखकर पूजा की सामग्री भी रखें.
देवी देवताओं के सामने घी का दीपक प्रज्वलित करें. इसके बाद मंत्र उच्चारण करके एक एकाक्षी नारियल और 11 कमलगट्टे रखें. जिसके बाद श्री यंत्र और महालक्ष्मी यंत्र की पूजा करें. इस यंत्र को उत्तर दिशा की तरफ ही प्रतिस्थापित करें. इसके अंत में देवी सूक्तम का पाठ करें.