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IAS Success Story: 22 साल की उम्र में आईएएस अफसर बनी, UPSC में हासिल की 4th रैंक, ऐसे मिली सफलता…

IAS Success Story

IAS Success Story: आपमें कुछ कर गुजरने की इच्छा शक्ति हो तो आपको कोई भी परेशानी नहीं रोक सकती है बस आपमें अपनी मंजिल पाने की ललक होनी चाहिए ऐसी ही कहानी हम आज आपको बताने जा रहे हैं जो कि IAS स्मिता सभरवाल की है.

स्मिता सभरवाल के पिता प्रवीण दास एक फौजी थे इंडियन आर्मी में वह कर्नल के पद पर से रिटायर्ड हुए हैं पिता फौजी थे तो इस कारण उनकी पोस्टिंग भी अलग-अलग जगहों पर होती रहती थी इसलिए स्मिता की पढ़ाई भी अलग-अलग स्कूलों में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग भाषाओं में होती रही स्मिता शुरू से ही पढ़ाई में अच्छी थी और अपनी क्लास में हमेशा टॉपर रहती थी 12वीं आईएससी बोर्ड से पढ़ने वाली स्मिता ने 12वीं में टॉप किया था. उनके पिता ने ही उन्हें यूपीएससी में जाने के लिए प्रेरित किया और स्मिता सभरवाल उसी राह पर चल पड़ी और उन्होंने कुछ ही प्रयासों में सफलता प्राप्त की स्मिता ने कॉमर्स से ग्रेजुएशन किया और फिर सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी.

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IAS Success Story: असफलता का भी सामना किया

स्मिता ने जब पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी तो वह प्रीलिम्स एग्जाम भी पास नहीं कर पाई थी लेकिन इन सब से उनका हौसला नहीं टूटा और उन्होंने जी तोड़ मेहनत की और दूसरी बार में ही उन्होंने सफलता प्राप्त की बल्कि सफलता ही प्राप्त नहीं की बल्कि टॉप रैंक में अपनी जगह बनाई.

स्मिता सभरवाल जब साल 2000 में यूपीएससी की परीक्षा में बैठी तो उन्होंने चौथी रैंक हासिल की उस समय वह यूपीएससी का एग्जाम पास करने वाली सबसे कम उम्र की स्टूडेंट थी. स्मिता ने पहले तेलंगाना कैडर के आईएएस से ट्रेनिंग ली और नियुक्ति के बाद उन्होंने चित्तूर में सब कलेक्टर के तौर पर कार्य किया वह कडप्पा रूरल डेवलपमेंट एजेंसी की प्रोजेक्ट डायरेक्टर, वारंगल की नगर निगम कमिश्नर और कुरनूल की संयुक्त कलेक्टर रही है.

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स्मिता सभरवाल को यह सब आसानी से हासिल नहीं हुआ है इसके उन्होंने लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है और दिन-रात एक किया है यूपीएससी की एग्जाम में उन्होंने मानव विज्ञान और लोक प्रशासन को ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में चुना उन्होंने बताया कि एग्जाम की तैयारी के समय वह रोज 6 घंटे पढ़ाई करती थी हर दिन करंट अफेयर्स को मजबूत करने के लिए वह न्यूजपेपर और मैगजीन पड़ती थी और स्पोर्ट्स के लिए स्पेशल 1 घंटे का वक्त देती थी

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स्मिता बेरवाल ने अपने काम से सभी के दिलों में जगह बनाई है उनकी जहां भी पोस्टिंग हुई है उन्होंने वहां पर काम करके दिखाया है स्मिता ने अपने कार्यकाल के दौरान कई बड़ी जिम्मेदारियां संभाली है उन्होंने तेलंगाना राज्य में कई सुधार कार्य किए हैं।

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