Kartik Purnima: कार्तिक पूर्णिमा के दिन रखें इन बातों का ध्यान!! नहीं तो हो सकता है आपके साथ अनर्थ
Kartik Purnima : कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा के नाम से बुलाया जाता है। इस साल यह पूर्णिमा 8 नवंबर को आने वाली है। हमारे बड़े बुजुर्गों का ऐसा कहना है कि कार्तिक महीने की पूर्णिमा के दौरान पवित्र नदी में स्नान कर दान पूर्ण करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं दूसरी ओर कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली के नाम से भी बुलाया जाता है। हमारी पौराणिक कथाओं में ऐसा लिखा गया है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। वहीं दूसरी और ऐसा भी कहा जाता है कि विष्णु भगवान ने एक मछली का अवतार लिया था। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन कुछ खास कार्य करने से आपके घर में सुख शांति समृद्धि बनी रहती है। वैसे कुछ कुछ कार्य भी होते हैं, जिन्हें करने के लिए मना भी किया जाता है। आज हम आपको इस दिन के बारे में कुछ खास बातें बताइए।
दान करें:
हमारे हिंदू धर्म के अनुसार कार्तिक महीने में दान पुण्य करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन अन्न, दूध, फल, चावल, तिल और आंवले का खास तौर पर दान करना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है।
दीपदान करें :
कार्तिक पूर्णिमा के दिन लोग दीप दान भी किया करते हैं। दिवाली को देव दीपावली के नाम से भी बुलाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि पवित्र नदी के घाट पर जाकर दीपदान करना बहुत शुभ होता है। बड़े बुजुर्गो का ऐसा कहना है कि इस दिन दीपदान करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और आपकी सारी परेशानियों को दूर करते हैं।
महालक्ष्मी स्मृति पाठ:
हमारी पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि पूर्णिमा के महीने में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए खास तिथि मानी जाती है। इसलिए हो सके तो आप सभी लोग महालक्ष्मी स्मृति का पाठ करें।
कार्तिक पूर्णिमा पर क्या ना करें: कहा जाता है कि कार्तिक महीने में मांस, मच्छी, प्याज, लहसुन, मदिरा,अंडा आदि चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन हो सके तो ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। ऐसा करने से चंद्र देव की कृपा आप पर बनी रहेगी। हो सके तो उस दिन भूमि आसन ग्रहण करना चाहिए।
कोशिश करना चाहिए कि इस दिन परिवार में किसी के साथ भी आपका झगड़ा ना हो।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन अपने से बड़े बुजुर्ग, असहाय और गरीब व्यक्ति से कटु वचन में बात नहीं करनी चाहिए और ना ही उनका अपमान करना चाहिए।