Karwa Chauth 2022: पहली बार करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिला ने खा लिया था खाना, अचानक गायब हो गया था पति, ये है इसके पीछे कहानी
Karwa Chauth 2022: आज का दिन सुहागिनों के लिए काफी खास माना जाता है। आज हम करवा चौथ के बारे में कुछ खास बातें आपको बताने जा रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि सबसे पहले करवा चौथ का व्रत माता पार्वती ने शंकर भगवान के लिए रखा था। इस व्रत को विधिवत करने से माता पार्वती को अखंड सौभाग्यवती रहने का वरदान मिला था। इसी कारण सुहागन औरतें अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत किया करती है। करवा चौथ के व्रत वाले दिन कई लोग शंकर भगवान और माता पार्वती की पूजा भी किया करते हैं।
पौराणिक कथाओं में ऐसा भी बताया जा रहा है कि एक वक्त ऐसा आया था, जब राक्षस और देवताओं के बीच एक युद्ध छिड़ गया था। युद्ध इतना भयंकर था कि कई प्रयास करने के बावजूद देवताओं को हार का सामना करना पड़ रहा था। बार बार हार का सामना करने के कारण ब्रह्मदेव ने देवताओं की सभी पत्नियों को कहा कि वह करवा चौथ का व्रत करें। पत्नियों द्वारा करवा चौथ का व्रत करने से सभी देवता उन राक्षसों से युद्ध में जीत गए। इसके अलावा भी महाभारत और अन्य धार्मिक कथाओं में करवा चौथ की कहानी बताई गई है।
Karwa Chauth 2022: महाभारत में है करवा का प्रसंग
महाभारत की कथा में बताया गया है कि एक बार अर्जुन अपनी तपस्या करने के लिए नीलगिरी पर्वत पर गए थे। जब अर्जुन तपस्या कर रहे थे उस दौरान पांडवों पर कई सारी आपत्तियां आ गई। इस विपत्ति का निवारण करने के लिए पांचाली ने श्रीकृष्ण भगवान से पूछा कि वह इन विपत्तियों का किस तरह से निवारण करें? पांचाली की बात सुनकर श्री कृष्ण भगवान ने पांचाली से कहा कि तुम कार्तिक महीने की बड़ी चौथ का व्रत करना। पांचाली ने विधिवत करवा चौथ का व्रत किया, जिस कारण पांडवों पर आई सारी विपत्तियों का निवारण हो गया।
Karwa Chauth 2022: मगरमच्छ को मिला मृत्युदंड
करवा चौथ की कई तरह की कहानियां हम आए दिन सुनते रहते हैं। उनमें से एक कहानी यह भी है कि प्राचीन समय के दौरान एक सुहागन स्त्री का नाम करवा था। ऐसा बताया जाता है कि 1 दिन करवा का पति नदी में स्नान करने गया हुआ था और उसी दौरान एक मगरमच्छ ने करवा के पति का पैर पकड़ लिया। करवा का पति जोर जोर से चिल्लाने लगा और करवा को आवाज देने लगा।
उसी दौरान करवा ने तुरंत नदी के किनारे आकर कच्चे धागे से मगरमच्छ को पकड़ लिया और उस मगरमच्छ को यमराज के पास ले गई। यमराज के पास पहुंचकर करवा ने यमराज से अपने पति की जान बचाने और मगरमच्छ को मृत्युदंड देने की गुहार लगाई। उस दौरान यमराज ने कहा कि मगरमच्छ की मृत्यु का समय अभी नहीं आया है। जिस वजह से वह मगरमच्छ को मृत्युदंड नहीं दे सकते। इस बात को सुनकर करवा ने कहा कि अगर उसके पति को दीर्घायु का वरदान नहीं दिया गया तो वह अपने तपोबल से यमराज को नष्ट होने का श्राप दे देगी। इस बात को सुनने के बाद यमराज ने तुरंत ही करवा के पति को दीर्घायु का वरदान दे दिया और दूसरी और मगरमच्छ को मृत्युदंड दे दी।
Karwa Chauth 2022: वीरावती की कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार यह भी मान्यता है कि इंद्रप्रस्थपुर के वेद शर्मा ब्राह्मण की शादीशुदा पुत्री वीरावती ने अपने पति के लिए करवा चौथ का व्रत किया था। लेकिन वीरावती अपनी भूख को सहन नहीं कर पा रही थी। पूरे दिन भूखा रहने के कारण उसकी इस दशा को वीरावती के भाई देख नहीं पा रहे थे।
अपनी बहन की इस दशा को ना देख पाने के कारण भाइयों ने पीपल के पेड़ पर चढ़कर आतिशबाजी की और सुंदर तरीके से प्रकाश जला कर यह साबित कर दिया कि चांद निकल आया है। भाइयों की बहन वीरावती को लगा कि चांद निकल आया है और उसने चांद की पूजा कर अपने भाइयों के साथ खाना खाने के लिए बैठ गई। व्रत अधूरा होने के कारण वीरावती के पति तुरंत ही गायब हो गए।
वीरावती को अपनी गलती का बहुत पछतावा हुआ और उसने अपनी गलती सुधारने के लिए 12 महीने में जितनी भी चौथ के व्रत आए, उसे बड़ी तपस्या के साथ किया। वीरावती की तपस्या से खुश होकर चौथ माता ने वीरावती को उसके पति वापस लौटा दिए।