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Mahashivratri 2023 : “शिवरात्रि” क्यों मनाया जाता हैं जाने..

Mahashivratri 2023 : जब बात शिव और पार्वती की होती हैं जो लोग असल जिंदिगी में उनको लेकर उदहारण देते हैं.उनका साथ जन्मों-जन्मांतर का हैं.आज शादी में सबसे पहले भगवान शिव और माता पार्वती को याद किया जाता हैं.हिन्दू पुराण में दोनों ने हमारे समक्ष कई उदहारण पेश किये हैं.आज हम जानेंगे की आखिर शिवरात्रि क्यों मनाई जाती हैं ?इसके पीछे की क्या कहानी हैं.

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भगवान शिव तथा माता पार्वती की तस्वीर

आपको बता दे की पुराणों में इनके विवाह की कई तरह की कथाएं लिखी गयी हैं. लोकमान्‍यताओं के अनुसार, शिवजी ने हिमालय के मंदाकिनी क्षेत्र के त्रियुगीनारायण में पार्वती से विवाह किया था. जहां के लोग कहते हैं कि आज भी वहां अग्नि की अखंड ज्योति जल रही है. वो ज्‍योति कभी बुझती नहीं हैं. बताया जाता है कि, शिव-पार्वती उसी ज्योति के सामने विवाह बंधन में बंधे थे.

जब माँ पार्वती और भगवान शिव का हुआ मिलन –

‘ग्रंथों में यह लिखा है कि पार्वती पर्वतराज हिमावत या हिमावन की पुत्री थी. असल में, पार्वती का पुनर्जन्म हुआ था, पिछले जन्‍म में वह सती थीं, जिन्‍होंने शिव का अपमान होने पर आत्‍मदाह कर लिया था. नया जन्‍म होने पर पार्वती ने कठिन तपस्‍या की और शिवजी का मन जीता. जिस स्थान पर मां पार्वती ने साधना की, उसे अब गौरी कुंड कहा जाता है. समय आने पर, शिवजी ने गुप्तकाशी में पार्वती के सामने विवाह प्रस्ताव रखा था. तदोपरांत, दोनों का विवाह त्रियुगीनारायण गांव में मंदाकिनी सोन और गंगा के मिलन-स्थल पर संपन्न हुआ.’

शिव को पाने के लिए माता पार्वती ने किये थे कठोर तप –

शिवजी को पाने के लिए माता पार्वती ने इतनी कठिन तपस्या की थी कि चारों तरफ इसे लेकर हाहाकार मच गया था. अन्न, जल त्याग कर उन्होंने सालों साल महादेव की अराधना की. इस दौरान वह रोजाना शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाती थी, जिससे भोले भंडारी उनकी तप से प्रसन्न हो. आखिर में देवी पार्वती की तप और निश्छल प्रेम से शिवशंकर प्रसन्न हुए और उन्हें अपनी संगिनी के रूप में स्वीकार किया। मान्यताओं के मुताबिक, शिवजी ने पार्वती जी से कहा था कि वह अब तक वैराग्य जीवन जीते आए हैं और उनके पास अन्य देवताओं की तरह कोई राजमहल नहीं है, इसलिए वह उन्हें जेवरात, महल नहीं दे पाएंगे. तब माता पार्वती ने केवल शिवजी का साथ मांगा और शादी बाद खुशी-खुशी कैलाश पर्वत पर रहने लगी. आज शिवजी और माता पार्वती का संपन्न परिवार है.

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2 thoughts on “Mahashivratri 2023 : “शिवरात्रि” क्यों मनाया जाता हैं जाने..

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