Navratri 2022: नवरात्रि के दूसरे दिन होगी माँ ब्रम्हाचारिणी की पूजा, जाने माँ की कथा, व्रत और प्रिय रंग के बारे में
Navratri 2022: इन दिनों देश में नवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. इन 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती हैं. नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. इस पूजा के बाद व्रत, कथा, मंत्र, आरती करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों की सभी इच्छा पूरी करती हैं. 27 सितम्बर को माँ ब्रम्हाचारिणी की पूजा की जाएगी. माँ ब्रम्हाचारिणी की आराधना के बाद में व्यक्ति में तप, संयम, शक्ति, त्याग और सदाचार की भावना आती हैं.
Navratri 2022: माँ ब्रह्मचारिणी की व्रत कथा
मां ब्रह्मचारिणी पिछले जन्म में पर्वतराज हिमालय की पुत्री थी. भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए मां ब्रह्मचारिणी ने घोर तपस्या की थी. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी ने 1000 वर्षों तक फल फूल खाए और जमीन पर रहकर ही निर्वाह किया. इसके बाद माने कठिन व्रत रखें और खुले आसमान के नीचे धूप और बारिश को बर्दाश्त करती रही.
शास्त्रों के मुताबिक माँ ने इस दौरान टूटे हुए बिल्व पत्र खाए और मां, भगवान शिव की लगातार आराधना करती रही. मां की इतनी कठोर तपस्या के बाद भी जब भोलेनाथ प्रसन्न नहीं हुए तो माने बिल्वपत्र खाना भी छोड़ दिया. माँ का नाम्य अर्पणा पड़ गया. मां ब्रह्मचारिणी ने कई हजार सालों तक निर्जल और निराहर रहकर तपस्या की और इससे वह काफ़ी कमजोर हो गई. माँ की इतनी श्रद्धा और तपस्या को देखने के बाद में सभी ऋषिगणऔर मुनिजन ने उनकी सहारना की और उन्हें मनोकामना पूर्ण का आशीर्वाद दिया.
Navratri 2022: माँ ब्रह्मचारिणी की प्रिय वस्तु
मां ब्रह्मचारिणी को गुड़हल, कमल के सफेद और सुगंधित फूल बहुत ही प्रिय हैं. ऐसे में नवरात्रि के दूसरे दिन मां की पूजा करते समय सफेद रंग फूल अर्पित करें और इस दौरान सफ़ेद या लाल रंग के वस्त्र पहने.