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श्रीराम: इस तरह मिला था श्रीराम को रावण मारने वाला दिव्यास्त्र, जाने रोचक कथा

श्रीराम

श्रीराम: आज हम आपको रामायण से जुड़ी एक रहस्य के बाद बताने जा रहे हैं जो कि ज्यादातर लोगों को नहीं पता है। आज हम आपको बताएंगे कि राम को किसने बताया रावण कोमारने का तरीका। आज इस पौराणिक कथा द्वारा बताया जाएगा कि रावण पर क्यों किसी भी बाण का असर नहीं हो रहा था।

श्रीराम: मंदोदरी के महल में था बाण

हम सभी ने रामायण पढ़ी हैं और उसमें साफ-साफ बताया गया है कि रावण की नाभि में अमृत है इस बात का रहस्य खुद रावण के भाई विभीषण ने राम को बताया था। लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस इस अमृत को काटने के लिए तारा के बाण की जरूरत पड़ी थी। हमारे पौराणिक कथाओं के अनुसार बाण कहीं और नहीं बल्कि रावण की पत्नी मंदोदरी के महल में रखा गया था। खास बात यह है कि इस बाण को हनुमान जी ने बड़े ही चतुराई से मंदोदरी से हासिल किया था।

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श्रीराम: न्यू प्राप्त किया था बाण

यह तो हम सभी जानते हैं कि रावण भगवान शिव का सबसे बड़ा भक्त था। यहां तक कि रावण ने अपने 10 सर की बलि देकर भगवान शिव को प्रसन्न ने भी किया था। भगवान शिव रावण की भक्ति को देखकर प्रसन्न हो गए और उसे मनचाहा वरदान दे दिया। भगवान शिव ने वरदान मे रावण को सबसे शक्तिशाली बना दिया और उसे मारने का एक ही बाण बनाया था जो कि रावण ने खुद अपने पत्नी मंदोदरी के महल में छिपा दिया।

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जब रावण और राम युद्ध कर रहे थे उस दौरान हनुमान जी ने अपना भेष बदलकर एक ब्राह्मण का रूप हासिल कर लिया और मंदोदरी के महल में चले गए। हनुमान ने बड़ी ही चतुराई दिखाते हुए वह बाण खुद मंदोदरी से ले लिया और किसी भी तरह से राम तक पहुंचा दिया। उस के कारण ही राम रावण का वध कर पाए।

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हमारे पौराणिक कथा में बताया गया है कि भगवान राम के पास कई तरह के दिव्य अस्त्र थे। जो कि कभी भी खाली नहीं जाते थे। जब भी भगवान रामबाण निकालते थे वह बाण शास्त्र से भर जाते थे। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम के पास कोदंड धनुष भी था जिस पर बाण चढ़ने के बाद वह लक्ष्य भेदकर ही वापस लौटता था।

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