Success Story : इस आदमी की मेहनत देख लोग कर रहे तारीफ, रेगिस्तान में उगा दिए अनोखे हिमालयी मशरूम
Success Story : कहते हैं कि अगर मन में जिद हो और कुछ करने की लगन हो तो वह इंसान एक दिन सफलता पा ही लेता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है जोधपुर के एक युवा किसान जितेंद्र सांखला ने. जोधपुर के चोखा गांव के रहने वाले जितेंद्र सांखला की हर तरफ तारीफ हो रही है. जितेंद्र ने इंजीनियरिंग छोड़ खेती के माध्यम से रेगिस्तान में हिमालयी मशरूम उगा दिए हैं.
27 साल के जितेंद्र को मशरूम की खेती करते हुए 3 साल हो चुके हैं. इसके साथ ही उन्होंने टॉप 9 किस्म के 5000 किलो तक मशरूम का उत्पादन कर लिया है. खास बात यह है कि वह अपने साथ-साथ अन्य किसानों को भी इस खेती के बारे में बता रहे हैं. मशरूम की उन्नत खेती के लिए उन्होंने एक फॉर्म भी बना रखा है.
एस मॉडर्न फॉर्म में सौ बैग में उन्होंने ओयस्टर मशरूम की अलग-अलग रंग वाली किस्मों का बंपर प्रोडक्शन कर रहे हैं. खेसारी अपने पिता के साथ मिलकर वह पारंपरिक खेती और फसलों का काम भी कर रहे हैं.
Success Story : इस तरह करते है खेती
27 साल के जितेंद्र ने अपने फॉर्म में एक शेड लगाया हुआ है जिसमें वह 9 किस्मों के मशरूम का उत्पादन करते हैं. इस फार्म में मशरूम ओयस्टर की वैरायटी 20 दिन में तैयार हो जाती है और 50 दिन में बटन मशरूम का प्रोडक्शन तैयार हो जाता है. मशरूम की सभी किस्में तुरंत बिक जाती हैं और काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. लेकिन एक समय ऐसा भी था जब जितेंद्र के माता-पिता नहीं चाहते थे कि वह खेती करें. इसके बाद वे जितेंद्र ने अच्छी बागवानी और फसलों का उत्पादन कर काफी मुनाफा कमाया है.
Success Story : बेटे को बनाना चाहते थे इंजीनियर
जितेंद्र ने पढ़ाई में कंप्यूटर साइंस से ग्रेजुएशन करके एमबीए करने की योजना बनाई थी. लेकिन जब सफलता नहीं मिली तो वह लौटकर अपने गांव आ गए. उनके माता पिता पहले से ही पारंपरिक खेती कर रहे थे. लेकिन उन्हें खेती में नुकसान हो रहा था तो उन्होंने अपने बेटे को खेती करने से मना कर दिया. जितेंद्र ने अपने मॉडर्न तरीकों से इसे मुनाफे में बदल दिया और आज मशरूम की खेती कर रहे हैं.
अक्टूबर 2019 में हल्की ठंडी में उन्होंने 20 बैग मशरूम की खेती शुरू की. किसी बात की जानकारी नहीं होने से उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ी. पहले उदयपुर,दिल्ली आदि से मशरूम के बीज बनाने पड़ते थे. लेकिन उन्होंने खुद मशरूम के बीज तैयार करके खेती शुरू कर दी. उन्होंने इंटरनेट की मदद से काफी कुछ जानकारी ली. आज 3 साल बाद में 5000 किलो मशरूम का उत्पादन कर चुके हैं.