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उत्तरकाशी टनल हादसा: मजदूरों को बचाने में जुटीं देश-विदेश की कई एजेंसियां, जानें क्‍या बोले NDRF के आईजी

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नई दिल्‍ली. उत्तराखंड (Uttarakhand) में टनल में फंसे लोगों के बचाव के लिए किस रणनीति के तहत काम किया जा रहा है? एनडीआरएफ (NDRF) के आईजी एनएस बुंदेला ने इस सवाल का जवाब देते हुए बताया है कि रेस्‍क्यू ऑपरेशन पूरी ताकत के साथ जारी है और इसमें कई एजेंसियां सहयोग कर रही हैं. केंद्र सरकार की टीम है तो टनल परियोजना की एजेंसी इस पूरे अभियान को लीड कर रही है. इसके अलावा देश की अन्‍य एजेंसियां अलग-अलग तरीके से मदद कर ही हैं; साथ ही ऐसे मामलों के विदेशी एक्सपर्ट भी इस कोशिश में शामिल हो चुके हैं.

एनडीआरएफ के आईजी एनएस बुंदेला ने कहा कि टनल में फंसे मजदूरों की सुरक्षित वापसी ही सबसे बड़ी प्राथमिकता है. हम तीन तरफ से सुरक्षित रास्‍ता बनाने की कोशिश कर रहे हैं. यह सभी ऑपरेशन देश और विदेश की संबंधित एजेंसियों से पूरा कोआर्डिनेशन रखते हुए सावधानी के साथ किए जा रहे हैं. इसमें जिला प्रशासन के साथ सेना, एनएचडीसीएल, एनडीआरएफ और कई प्रायवेट एजेंसियां काम कर रही हैं.

सभी मजदूर सुरक्षित, उनसे लगातार हो रही है बातचीत
उन्‍होंने कहा कि सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उनसे बातचीत की जा रही है. एक पाइप लाइन है जिससे संवाद संभव है और मजदूरों को भोजन-पानी-दवाएं आदि भी दी जा रही है. मजदूरों से जो संवाद हुआ है उसके आधार पर हम कह सकते हैं कि जो लोग अंदर फंसे हैं वह सुरक्षित हैं.

एक और पाइप टालने की कोशिश, ताकि सपोर्ट बढ़ा सकें
अभी एक और सपोर्ट पाइप डालने की कोशिश की जा रही है. इस अभियान को सक्सेसफुल करने की कोशिश की जा रही है. वहीं अल्टरनेटिव ऑप्शंस को भी एग्जामिन किया जा रहा है. हमें उम्मीद है कि बहुत जल्‍द ही हम सेफली अंदर जाएंगे और फंसे हुए सभी लोगों को बाहर निकालेंगे, लेकिन फिलहाल सबसे जरूरी है सेफ्टी और सेफली काम करना. इस एरिया के जितने भी एक्सपर्ट हैं देश के चाहे विदेशी के सब की सलाह ली जा रही है ताकि एक सबसे अच्छी रणनीति बना सके और लोग सुरक्षित बाहर आ सके.

मजदूरों की परिजनों से कराई जा रही बातचीत
अधिकारियों ने बताया कि सुरंग में फंसे मजदूरों को लगातार खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है. उन्हें ऑक्सीजन, बिजली, दवाई और पानी भी पाइप के जरिए निरंतर पहुंचाई जा रही है. उन्होंने कहा कि मजदूरों से निरंतर बातचीत जारी है. मजदूरों की उनके परिजनों से भी बात कराई जा रही है. चारधाम परियोजना के तहत यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर टनल का सिलक्यारा की ओर के मुहाने से 270 मीटर अंदर एक हिस्सा ढह गया था जिससे उसमें फंसे 41 मजदूरों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है.

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