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हिमाचल प्रदेश में सीपीएस मामले में सुक्खू सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट, बीजेपी ने भी जताई आपत्ति: अब क्या होगा?

हिमाचल सरकारी नौकरियां: हिमाचल में सुक्खू सरकार को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने आउटसोर्स भर्तियों पर लगाई रोक

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राजेंद्र शर्मा/रणबीर सिंह

शिमला. हिमाचल प्रदेश में मुख्य संसदीय सचिव से जुड़ा मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. प्रदेश हाईकोर्ट से सीपीएस की नियुक्ति रद्द होने के बाद सुक्खू सरकार ने अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. वहीं, बीजेपी अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है और आरक्षण याचिका दायर की है.

दरअसल, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने छह सीपीएस की नियुक्ति रद्द कर दी थी और संबंधित 2006 अधिनियम को भी इस आधार पर असंवैधानिक घोषित कर दिया था. अब हिमाचल सरकार ने एसएलपी याचिका दायर की है. उधर, बीजेपी ने भी इस मामले में शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है. भाजपा ने आरक्षण याचिका इसलिए दायर की है ताकि हिमाचल सरकार की एसएलपी को स्वीकार करने से पहले भाजपा भी सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रख सके। यह आरक्षण शिमला के चौपास से भाजपा विधायक बलवीर वर्मा ने पेश किया था।

गुरुवार को भी बयानबाजी जारी रही

इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला लिया और गुरुवार को भी इस मामले पर चर्चा जारी रही. शिमला लौटने के बाद सीएम ने अनाडेल हेलीपैड पर मीडिया से बात की और कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अंतिम प्रति अभी नहीं आई है और प्रति आने के बाद कैबिनेट सहयोगियों के साथ चर्चा के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा. हालांकि देर शाम सरकार फिर सुप्रीम कोर्ट चली गई.

वहीं, संसद के पूर्व महासचिव संजय अवस्थी ने कहा कि उन्हें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और हमारे भी कुछ अधिकार हैं और उनका उपयोग किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सीएम के बयान के अनुसार ही आगे का रास्ता अपनाया जाएगा। विपक्ष के आरोपों पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के दो साल के कार्यकाल में बीजेपी ने सरकार को अस्थिर करने का एक भी मौका नहीं छोड़ा, विपक्ष सिर्फ राजनीति कर रहा है, उसने जो कहा वह सच नहीं है. . पूर्व सीपीएस मोहन लाल ब्राक्टा ने कहा कि हमारे लिए सभी कानूनी विकल्प खुले हैं। बीजेपी का काम सिर्फ कहना है और विपक्ष इस मुद्दे पर जो कह रहा है वो सच नहीं है.

आगे क्या होगा

अब इस मामले पर पूरे प्रदेश की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं. अहम बात यह है कि हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों के आधार पर ही सीपीएस की नियुक्तियां रद्द की हैं. लेकिन अब सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. सुप्रीम कोर्ट ने असम में सीपीएसी नियुक्ति कानून को रद्द कर दिया है।

टैग: हिमाचल प्रदेश समाचार आज, सुखविंदर सिंह सुक्खू, भारत का सर्वोच्च न्यायालय

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