नालागढ़ उपचुनाव में हरप्रीत ने त्रिकोणीय मुकाबला किया: बावा के खिलाफ ‘धरतीपुत्र’ नारे से बीजेपी को उम्मीद; कांग्रेस को विपक्ष पर भरोसा-नालागढ़ न्यूज़
हिमाचल प्रदेश की नालागढ़ विधानसभा सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार हरप्रीत सिंह ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. पहले माना जा रहा था कि मुकाबला कांग्रेस के बाबा हरदीप और बीजेपी के केएल ठाकुर के बीच है. हालांकि, कुछ राजनीतिक समीकरणों के चलते मुकाबला त्रिकोणीय होता.
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त्रिकोणीय मुकाबले के तीन अहम कारण संदिग्ध हैं. पहला- बाबा हरदीप के खिलाफ धरती पुत्र का नारा, दूसरा- पूर्व विधायक लखविंदर राणा का सिख वोटरों को संकेत और तीसरा कारण महज 15 महीने में केएल ठाकुर का इस्तीफा.
दरअसल, बीजेपी नेता हरप्रीत सिंह ने पार्टी से बगावत कर चुनाव प्रचार में दखल दिया था. चुनाव में हिस्सा लेने से बीजेपी प्रत्याशी केएल ठाकुर के सामने चुनौती खड़ी हो गई है. पार्टी पर अब बगावत का खतरा मंडरा रहा है. कांग्रेस और भाजपा हरप्रीत सिंह को हल्के में नहीं ले रही हैं क्योंकि वह तीन बार के भाजपा सांसद हरिनारायण सैनी के भतीजे हैं।
हरिनारायण सैनी का नालागढ़ में अच्छा प्रभाव है और वह लगातार तीसरी बार यहां से विधायक बने हैं। उनके भतीजे हरप्रीत सिंह के चुनाव लड़ने से समीकरण बदल गये हैं. हरप्रीत का वोटिंग कर्व जितना ऊपर चढ़ेगा, बीजेपी को उतना ही ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है.
सिख वोटरों को लखविंदर का इशारा!
सूत्रों के मुताबिक पूर्व विधायक लखविंदर राणा ने अपने समर्थकों खासकर सिख मतदाताओं को कांग्रेस के बाबा हरदीप को वोट न देने का संकेत दिया है. लेकिन महज 18 महीने में केएल ठाकुर के इस्तीफे से कुछ लोग नाराज भी हैं. ऐसे में केएल ठाकुर से नाराज मतदाता हरप्रीत सिंह का समर्थन कर सकते हैं. यही बात जीत या हार का कारण बन सकती है.
इसलिए लोगों में केएल के खिलाफ गुस्सा है
हम आपको बता दें कि दिसंबर 2022 में निर्दलीय सांसद चुने गए केएल ठाकुर के इस्तीफे को लेकर जनता में गुस्सा है. उनके इस्तीफे के कारण उपचुनाव हुआ। राज्यसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार को वोट देने के बाद उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी में शामिल हो गए, हालांकि वह इस्तीफा दिए बिना भी बीजेपी को बाहरी तौर पर समर्थन दे सकते थे. इसी वजह से कुछ लोगों को इससे नफरत भी है.
बावा के खिलाफ धरती पुत्र का नारा
वहीं, कुछ लोग कांग्रेस प्रत्याशी बावा हरदीप को बाहरी बता रहे हैं. यही नारा 2022 के चुनाव में उनके खिलाफ भी इस्तेमाल किया गया था. कौन सा फैक्टर किसके पक्ष में है और कौन सा विपक्ष, इसकी घोषणा 10 जुलाई को होगी. लेकिन मौजूदा राजनीतिक समीकरण ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है.
नालागढ़ में बीजेपी को उम्मीद है कि ‘धरती पुत्र’ का नारा बावा केएल ठाकुर के खिलाफ जीत दिलाने में मदद करेगा, जबकि कांग्रेस को भरोसा है कि बीजेपी की अंदरूनी कलह के कारण बावा हरदीप चुनाव जीत जाएंगे.