विश्व मलेरिया दिवस पर जदरांगल में कार्यक्रम आयोजित
मुनीष धीमान. धर्मशाला
शुक्रवार को ब्लॉक नगरोटा बगवां के जदरांगल हेल्थ वेलनेस सेंटर में जिला स्तरीय विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया। यह कार्यक्रम मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. इस बारे में जानकारी देते हुए राजेश गुलेरी ने बताया कि मलेरिया मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है, जो आमतौर पर गर्मी और बरसात के मौसम में बड़ी संख्या में पाया जाता है। मच्छर के काटने के बाद 10 से 14 दिनों के अंदर व्यक्ति में मलेरिया के लक्षण दिखने लगते हैं। व्यक्ति को बुखार और सर्दी हो जाती है। इसलिए, यह जरूरी है कि जब भी आपको बुखार हो तो आप मलेरिया के लिए अपने खून की जांच कराएं और अगर मलेरिया की पुष्टि हो जाए तो डॉक्टर के निर्देशानुसार दवा का उपयोग करें। इसकी दवाएँ स्वास्थ्य सुविधाओं में निःशुल्क उपलब्ध हैं। मलेरिया गर्भवती माताओं और बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है। अगर समय पर इलाज न मिले तो व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।
अधिक जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि मलेरिया से बचाव के उपाय बहुत सरल हैं: बुखार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर अपने रक्त की जांच कराएं। मलेरिया से बचाव के लिए अपने घर के आसपास साफ-सफाई बनाए रखें। चूँकि सुबह और शाम के समय मच्छर बहुत होते हैं, इसलिए आपको लंबी बाजू के कपड़े पहनने चाहिए। बच्चों को मच्छरों से बचाने के लिए कीट प्रतिरोधी लोशन या क्रीम लगाकर बाहर भेजें। आस-पास के किसी भी पानी से भरे गड्ढे को मिट्टी से भर दें। पानी को खड़ा न छोड़ें। सुनिश्चित करें कि फूल के बर्तन के नीचे कटोरे में पानी जमा न हो। रेडिएटर में पानी समय-समय पर बदलते रहें। मच्छरों को घर में घुसने से रोकने के लिए घर का जाली वाला दरवाजा बंद रखें और रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आसपास बहुत अधिक झाड़ियाँ न छोड़ें और उन्हें तुरंत काट दें।
विश्व मलेरिया दिवस मनाने का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को इस घातक बीमारी के प्रति जागरूक करना है। ताकि हर साल मलेरिया से होने वाली लाखों मौतों को रोका जा सके.
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने अपील की कि मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए जागरूकता बहुत जरूरी है. ताकि लोगों को इस गंभीर बीमारी से निजात मिल सके.