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सस्ते, सुंदर और लंबे समय तक चलने वाले…सूखे फूल और बेकार सामग्री से बनी सजावटी वस्तुएं बहुत अच्छी होती हैं।

सस्ते, सुंदर और लंबे समय तक चलने वाले...सूखे फूल और बेकार सामग्री से बनी सजावटी वस्तुएं बहुत अच्छी होती हैं।

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पंकज सिंगटा/शिमला। हिमाचल प्रदेश के विभिन्न भागों में फूल उगाए जाते हैं। इस खेती से लोग कई सौ रुपये कमाते हैं. सभी प्रकार के कार्यक्रमों में फूलों का प्रयोग किया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी अनुभव किया है कि सूखे फूल भी कैसे कमाई का जरिया बन जाते हैं? हिमाचल के सिरमौर जिले के धौला कुआं में फूलों को सुखाकर और उनके अपशिष्ट पदार्थों को संसाधित करके सौंदर्य उत्पाद बनाए जाते हैं। सूखे फूलों या पौधों के विभिन्न हिस्सों से बने उत्पाद टिकाऊ होते हैं और इनकी शेल्फ लाइफ लंबी होती है। पर्यावरण जागरूकता, बायोडिग्रेडेबल विकल्पों और उपभोक्ता प्राथमिकताओं के कारण सूखे फूलों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है।

डॉ। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के धौलाकुआं में क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान और प्रशिक्षण स्टेशन के वरिष्ठ फूल उत्पादक प्रियंका ठाकुर का कहना है कि एक अनुमान के मुताबिक, भारत में सूखे फूल और फूल शिल्प उद्योग का वार्षिक कारोबार 500 करोड़ रुपये है। फूलों के पौधों के अपशिष्ट एवं सूखे फूलों का प्रसंस्करण कर उन्हें साफ कर सौंदर्यीकरण के लिए उपयोग किया जाता है। सूखे फूल और उनकी पत्तियाँ अधिकतर उपयोग में लायी जाती हैं।

फूल कैसे सुखाये जाते हैं?
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जंगली और प्राकृतिक फूल वाले पौधों के समृद्ध भंडार हैं। इन फूलों को सुखाने से चित्र, कार्ड, मोंटाज, पोटपौरी और पोमैंडर आदि उत्पाद बनते हैं। फूलों और पौधों के फूल वाले हिस्सों को विभिन्न तरीकों से सुखाया जाता है। इनमें धूप में प्राकृतिक रूप से सुखाना, दबाकर सुखाना आदि शामिल हैं। इसके अलावा, बोल्ड फलों की संरचनाओं को अलग-अलग रंगों या रंगों जैसे लाल, भूरा, चांदी या सोने से पेंट करके सजावटी चीजें बनाई जाती हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में नौकरियाँ हैं
विशेषज्ञों के अनुसार, हिमालय क्षेत्र में सूखे फूल उद्योग स्थापित करने और गृहिणियों और ग्रामीण महिलाओं को रोजगार प्रदान करने का एक अच्छा अवसर है। प्रौद्योगिकी की सहायता से फूल, शाखाएँ, टहनियाँ, पत्तियाँ आदि कई महीनों या वर्षों तक अपना ताज़ा स्वरूप बनाए रखते हैं। उनका मूल आकार, रंग और आकार ख़राब नहीं होता है, जिससे वे आंतरिक सजावट के लिए उपयुक्त कच्चे माल बन जाते हैं। बाजार में बिकने वाले सजावटी सामानों की तुलना में सूखे फूलों या बेकार सामान से बने ये उत्पाद सस्ते भी होते हैं, यही वजह है कि ये लोगों के बीच लोकप्रिय हैं।

कीवर्ड: स्थानीय18, शिमला खबर

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