New Delhi : इंडिया हैबिटेट सेंटर में आयोजित कार्यशाला में औषधीय पौधों के उत्पादन में MSME के महत्व के बारे में हुई चर्चा
इंडिया हैबिटेट सेंटर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में औषधीय और सुगंधित पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया.
New Delhi : इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित औषधीय संवर्धन की अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती मर्सी एपो (Mercy Epao) थीं, जिन्होने औषधीय और सुगंधित पौधे के उत्पादन में एमएसएमई के महत्व के बारे में बताया. इस औषधीय संवर्धन की अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का प्रमुख उद्देश्य MSME क्षेत्र में आ रही बाधाओं के विषय पर चिंतन करना और इससे जुड़े तकनीक और भविष्य में इसे सक्षम बनाने पर नए तरीकों को जुटाना है.
Dr RC Uniyal, General Manager, Emami Group, Kolkotta,
एएफसी इंडिया लिमिटेड भारत में कृषि, ग्रामीण विकास और अन्य सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों के लिए परामर्श और सलाह प्रदान करता है. इसकी स्थापना वर्ष 1968 में की गई थी. एएफसी में वाणिज्यिक बैंक, NABARD और EXIM बैंक का स्वामित्व है.
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती मर्सी एपो जो एमएसएमई की संयुक्त सचिव हैं. उन्होने इस औषधीय पौधों से जुड़े कार्यक्रम के आयोजकों का धन्यवाद दिया और बताया कि किस तरह देश में MSME का महत्व बढ़ता ही जा रहा है और आज हमारा देश का 45% निर्यात में एमएसएमई का योगदान है. एमएसएमई 60 हजार से ज्यादा उत्पादों का निर्माण कर रहा है और देश में 11 करोड़ से ज्यादा लोगों के रोजगार का माध्यम बना हुआ है. उन्होंने उद्यम पंजीकरण के बारे में बताया, जिसमें कोई भी व्यवसायी यदि अपने व्यवसाय को सुक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के रूप में पहचान देना चाहता है तो वह एमएसएमई के तहत पंजीकरण करवा सकता है. इसके अंतर्गत पंजीकृत होने पर उसे अपने उद्योग को बढ़ाने के लिए सरकार से कई तरह के लाभ मिल सकते हैं.
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