Himachal News: चंडीगढ़ में हिमाचल प्रदेश को मिलेगी 7.19% हिस्सेदारी, मुख्यमंत्री ने किया सब-कमेटी का गठन
Himachal News: हिमाचल प्रदेश में कई सरकारों ने चंडीगढ़ में प्रदेश की हिस्सेदारी को लेकर दावे तो खूब किये लेकिन धरातल पर इसका असर कभी नज़र नहीं आया. परन्तु अब प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चंडीगढ़ में हिस्एसेदारी को लेकर बड़ा कदम उठाया है. दरअसल चंडीगढ़ को लेकर भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) परियोजना से रॉयल्टी लेने के लिए प्रदेश सरकार ने प्राथमिकता से एक कैबिनेट सब-कमेटी का गठन किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश के भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) परियोजना से रॉयल्टी लेने के लिए सहमति को विकसित करना है। इस कमेटी का गठन इसलिए किया गया है ताकि हिमाचल प्रदेश को इस परियोजना के विकास में उच्च स्तर का सहयोग मिल सके।
पंजाब पुनर्गठन एक्ट को बारीकी से खंगालेगी कमेटी
प्रदेश सरकार द्वारा गठित यह कमेटी पंजाब पुनर्गठन एक्ट के तहत अंतर राज्यों के बीच किये गए समझौतों को बारीकी से खंगालेगी और सरकार को रिपोर्ट देगी कि किस प्रकार हिमाचल को चंडीगढ़ में बीबीएमबी परियोजना में उसकी हिस्सेदारी दिलाई जा सकती है। इसके अतिरिक्त, हिमाचल सरकार BBMB के पावर प्रोजेक्ट से रॉयल्टी लेना भी चाह रही है, जिस प्रकार राज्य में अन्य पावर प्रोजेक्ट स्भीथापित है और वह हिमाचल सरकार को रॉयल्टी देते आ रहें हैं। ठीक उसी तरह पर BBMB प्रोजेक्ट से भी हिमाचल प्रदेश रोयल्टी की डिमांड कर रहा है. इसके आलावा रोयल्टी नहीं तो सरकार ने बिजली के रूप में शेयर बढ़ाने की पेशकश पर भी गौर किया है।
राज्य के निवासियों को मिलेगा आर्थिक रूप से लाभ
सरकार के इस कदम से हिमाचल प्रदेश को पर्यटन, जल संपदा और पर्यावरण के विकास के क्षेत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में सहायता प्रदान करेगी। यह राज्य को विभिन्न विकास कार्यों को आगे बढ़ाने और अधिक सुगमता के साथ संचालित करने का एक मजबूत आधार प्रदान करेगी। इससे हिमाचल प्रदेश की आर्थिक विकास में सकारात्मक प्रभाव पैदा होगा और राज्य के निवासियों को आर्थिक रूप से लाभ प्राप्त होगा।
इस फैसले से हिमाचल प्रदेश को होंगे कई फायदे
- आर्थिक विकास: बीबीएमबी परियोजना से हिमाचल प्रदेश को आय और राजस्व में वृद्धि होगी। रॉयल्टी के माध्यम से आय प्राप्ति होगी, जो राज्य की आर्थिक स्थिति को सुधारेगी और विभिन्न विकास कार्यों के लिए वित्तीय संसाधन प्रदान करेगी।
- पर्यटन के विकास: हिमाचल प्रदेश में अपार पर्यटन संसाधन हैं और बीबीएमबी परियोजना से उत्पन्न होने वाली रॉयल्टी का उपयोग पर्यटन के विकास के लिए किया जा सकता है। इससे पर्यटन क्षेत्र में और अधिक सुविधाएं विकसित की जा सकेंगी, जो पर्यटकों को आकर्षित करेगी और प्रदेश के पर्यटन उद्योग को वृद्धि का एक नया धारक प्रदान करेगी।
- जल संपदा और पर्यावरण के विकास: बीबीएमबी परियोजना से प्राप्त होने वाली रॉयल्टी का उपयोग जल संपदा और पर्यावरण के विकास के लिए किया जा सकता है। इससे नदी तटों का संरक्षण, जल संचयन और जल संपदा के प्रबंधन में सुधार होगा। साथ ही, वन्य जीवन के संरक्षण और पर्यावरणीय परियोजनाओं के लिए वित्तीय समर्थन प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
इसके अलावा, बीबीएमबी परियोजना से हिमाचल प्रदेश को सुरक्षित, निर्मल और अवास्तविक ऊर्जा की आपूर्ति मिलेगी। यह प्रदेश को ऊर्जा स्वराज्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम प्रदान करेगा. परियोजना को लाकर सरकार के इस फैसले से हिमाचल प्रदेश को आर्थिक, पर्यटन, जल संपदा और पर्यावरण के क्षेत्र में विकास का विशेष लाभ होगा।
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