website average bounce rate

यहां नहाने से चर्म रोग और लकवा के मरीज हो जाते हैं ठीक! जानें इस बावड़ी की महिमा

3748435 Hyp 0 Featureimg20231119174209 Watermark 22112023 151327 16x9.jpg

Firenib

Table of Contents

दीपक पाण्डेय/खरगोन.पुराने जमाने में कुएं, तालाब, बावड़ियां पानी का मुख्य स्रोत मानें जाते थे. लोग यहां के पानी को पीने और घरेलू कामकाज में इस्तेमाल करते थे. इनमे से कई बावड़ियां आज भी जीवित होकर हजारों लोगों की प्यास बुझा रही है, लेकिन कुछ बावड़ियां ऐसी भी है जो लोगों की आस्था से जुड़ी हुई है. वो इसलिए क्योंकि इन बावड़ियों में नहाने और यहां का पानी पीने से लोगों के गंभीर रोग भी दूर हो जाते है.

आज हम आपको मध्य प्रदेश के खरगोन जिले की पवित्र नगरी मंडलेश्वर में मौजूद ऐसे ही एक प्राचीन बावड़ी के बारे में बता रहे है. किवदंती है की यहां चर्म रोग और लकवा की बीमारी और बाहरी बाधाओं से ग्रसित मरीज नहाते है तो वें ठीक हो जाते है. यहीं वजह है की हर मंगलवार को दूर – दूर यहां कई ऐसे मरीज नहाने आते है.

ढाई हजार साल पुरानी है बावड़ी –
इतिहास के जानकर दुर्गेश राजदीप ने कहा कि मंडलेश्वर में कसरावद रोड़ पर स्थित प्राचीन श्री मंडनेश्वर शिवालय (श्री छप्पन देव मंदिर) परिसर में दक्षिण दिशा में यह बावड़ी बनी हुई है. बावड़ी का इतिहास करीब ढाई हजार साल पुराना है. आदि गुरु शंकराचार्य एवं पंडित मंडन मिश्र के बीच हुए शास्त्रार्थ के समकालीन इसका निर्माण हुआ था. पत्थरों से बनी यह बावड़ी आज भी जीवित होकर सुरक्षित अवस्था में मौजूद है.

इन रोगियों के लिए है जीवन दायिनी
वें बताते है कि इस बावड़ी का पानी कभी खत्म नहीं होता है. बारिश हो चाहे गर्मी हमेशा बावड़ी में पानी भरा रहता है. खास बात यह है की यहां का पानी एकदम साफ रहता है. यहां की मान्यता है की जो व्यक्ति चर्म रोग और लकवा (पैरालिसिस) से ग्रसित होते है वें यहां नहाने से ठीक हो जाते है. इसके अलावा जिन लोगों को बाहर बाधा की समस्या होती है तो वें भी यहां मंगलवार को नहाने आते है. यहीं वजह है की लोग इसे चमत्कारी बावड़ी कहते है.

आज भी बरकरार है आस्था
दुर्गेश राजदीप आगे बताते है कि पहले यहां हर मंगलवार को भारी संख्या में लोग नहाने आते थे, लेकिन पास में बह रहे नाले का पानी इसमें मिल जाने से बावड़ी का पानी थोड़ा बहुत दूषित हो चुका है. बावजूद इसके लोगों की आस्था बरकरार है. आज भी मंगलवार की सुबह यहां चर्म रोग, लकवा ग्रहित और बाहर बाधाओं से धीरे मरीज नहाते हुए देखे जा सकते है.

Tags: Health News, Local18, Madhya pradesh news

Source link

About Author