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क्रांतिकारी एवं साहित्यकार यशपाल की पुण्य तिथि पर संस्कृत शिक्षकों एवं यशपाल साहित्य परिषद ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

क्रांतिकारी एवं साहित्यकार यशपाल की पुण्य तिथि पर संस्कृत शिक्षकों एवं यशपाल साहित्य परिषद ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

आध्यात्मिक नारायण. नादौन

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प्रथम दशक की शुरुआत में हमीरपुर जिले के नादौन ब्लॉक में भूम्पल के नजदीक रंघड़ गांव में जन्मे प्रसिद्ध क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानी और प्रख्यात साहित्यकार यशपाल की पुण्य तिथि के अवसर पर यशपाल ने साहित्य परिषद की स्थापना की और यशपाल साहित्य प्रतिष्ठान, नादौन में सरकारी संस्कृत शिक्षक। परिषद हमीरपुर के संयुक्त तत्वाधान में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न वक्ताओं ने यशपाल के साहित्यिक और क्रांतिकारी जीवन के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचारों का आदान-प्रदान किया। आपको बता दें कि यशपाल की कहानियों और उपन्यासों में मुख्य रूप से व्यंग्यात्मक भाषा का प्रयोग किया जाता था, जिससे आम लोगों में क्रांतिकारी भावनाएं जागृत होती थीं।

इस अवसर पर बोलते हुए यशपाल साहित्य परिषद के महासचिव एवं राजकीय संस्कृत अध्यापक परिषद जिला हमीरपुर के जिला अध्यक्ष नरेश मलोटिया ने कहा कि प्रसिद्ध साहित्यकार यशपाल जिला हमीरपुर का गौरव हैं जिन्होंने अपनी उत्कृष्ट रचनाओं से पूरे भारत को आजादी दिलाई। क्रांतिकारी कहानियाँ और उपन्यास। लहर जाग उठी. उन्होंने कहा कि नादौन के इस महान व्यक्तित्व के साहित्य एवं क्रांतिकारी विचारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाना आधुनिक लेखकों का सर्वोच्च कर्तव्य है। इस अवसर पर बोलते हुए यशपाल साहित्य परिषद के कोषाध्यक्ष विवेक कुमार, एन भारती, अजय शर्मा, आशु मेहरा, संस्कृत परिषद के प्रदेश महासचिव डाॅ. अमित शर्मा सरोच, जिला महासचिव डाॅ. विपन कुमार, राज्य सदस्य डाॅ. तेज कुमार, डाॅ. मनीष कुमार, डाॅ. गिरिराज शर्मा, प्रखंड प्रमुख संजीव कुमार, डाॅ. अमन शर्मा एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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