website average bounce rate

मंडी समाचार: मंडी जिले की एक महिला ने रोजगार का रास्ता चुना है और मुर्गी पालन से अच्छी कमाई कर रही है।

मंडी समाचार: मंडी जिले की एक महिला ने रोजगार का रास्ता चुना है और मुर्गी पालन से अच्छी कमाई कर रही है।

Table of Contents

हिमाचल प्रदेश सरकार का स्नोफाउल प्रजनन कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के लिए एक प्रभावी उपकरण बन रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से, ग्रामीण लोग न केवल अपनी आय बढ़ाते हैं बल्कि प्रोटीन युक्त, पौष्टिक खाद्य पदार्थों की अपनी जरूरतों को भी पूरा करते हैं। यह कार्यक्रम मुर्गी पालन और पशुपालन को मिलाकर किसानों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है।

योजना के अंतर्गत उपलब्ध सेवाएँ
इस योजना के तहत कुल पूंजी निवेश का 60% सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती है जबकि लाभार्थी किसान को लागत का केवल 40% वहन करना पड़ता है। कार्यक्रम की शुरुआत में किसान को सरकारी पोल्ट्री फार्म में 15 दिन से 1 महीने तक का प्रशिक्षण मिलता है। फिर तीन किश्तों में कुल 3,000 मुर्गी के चूजे किसान को सौंपे जाएंगे, प्रत्येक किश्त में 1,000 चूजे उपलब्ध कराए जाएंगे।

हेमा देवी की सफलता की कहानी
गोहर उपमंडल के डुग्रेन गांव की रहने वाली हेमा देवी ने इस कार्यक्रम से स्वरोजगार की राह चुनी। उन्होंने वर्ष 2022-23 में पशुपालन विभाग से 15 दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त कर मुर्गी पालन कार्यक्रम के तहत आवेदन किया। जुलाई 2024 में उन्हें पहली किस्त के रूप में 1,000 चूज़े मिले।

कार्यक्रम के तहत, हेमा देवी ने 88,000 रुपये जमा किए और बदले में 1,000 चूजे, 60 फीड बैग, 30 फीड ट्रफ और 30 वॉटर प्राप्त किए। दूसरी और तीसरी किस्त में भी उन्हें 81,000 रुपये की जमा राशि पर 1,000 चूजे और फीड बैग मिलेंगे.

आर्थिक लाभ और सरकारी सहायता
हेमा देवी का कहना है कि बाजार में चिकन की मांग अधिक होने के कारण उन्हें अच्छे दाम मिलते हैं. एक हजार मुर्गियों से आपका अनुमानित लाभ 50,000 रुपये से 1,000 रुपये के बीच है। पोल्ट्री हाउस बनाने के लिए उन्हें सरकार से 1.60 लाख रुपये का अनुदान भी मिलेगा.

ग्रामीणों के लिए संदेश
हेमा देवी ने ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे सरकार द्वारा संचालित ऐसी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाएं और आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाएं।

टैग: हिमाचल न्यूज़, स्थानीय18, बाज़ार समाचार

Source link

About Author

यह भी पढ़े …