Bank Privatisation: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी जानकारी, सरकारी बैंक का होगा निजीकरण…
Privatisation: केंद्र सरकार (Central Government) देश की बैंकिंग व्यवस्था में सुधार करने के लिए तेजी से देश के सरकारी बैंकों का निजीकरण (privatisation) कर रही है. इस कड़ी में अगले साल तक एक और सरकारी बैंक का प्राइवेटाइजेशन (bank privatisation latest news) होने जा रहा है. और सरकार की ओर से कई बड़े फैसले लिए जा रहे हैं. आपको बता दे सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) को उम्मीद है कि आईडीबीआई बैंक का निजीकरण (IDBI Bank Privatisation) होने तक उसमें एलआईसी द्वारा किए गए 21,624 करोड़ रुपये के निवेश की वसूली हो जाएगी.
Bank Privatisation: IDBI के शेयरों की बढ़ रही है कीमत
एलआईसी को आईडीबीआई बैंक में अपने द्वारा किए गए 21624करोड़ रूपए के इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न की उम्मीद इसलिए हो रही है कि जब से बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई है तब से इसके शेयर में लगातार उछाल देखने को मिल रहा है आईडीबीआई बैंक का शेयर 35 रूपए से बढ़कर 45 रूपए के आंकड़े को छू चुका है.
Bank Privatisation: किसके पास है कितनी हिस्सेदारी है
आईडीबीआई बैंक में सरकार और एलआईसी की संयुक्त रूप से हिस्सेदारी 94.72 प्रतिशत की है जिसमें अकेले एलआईसी की हिस्सेदारी 49.24 प्रतिशत है वहीं सरकार की हिस्सेदारी 45.48 प्रतिशत की है और सार्वजनिक शेयरधारकों की हिस्सेदारी 5.28 प्रतिशत है एलआईसी ने कहा है कि आईडीबीआई के शेयरों में इस तेजी को देखते हुए यह उम्मीद लगाई जा रही है कि इसका शेयर 2019 में एलआईसी द्वारा खरीदे गए उस समय के प्राइस तक जा सकता है.
Bank Privatisation: LIC ने खरीदी कितने रुपये प्रति शेयर पर हिस्सेदारी??
एलआईसी ने साल 2019 में आईडीबीआई बैंक के 61 रुपये प्रति शेयर की औसत कीमत पर 21,624 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे जो की एलआईसी की आईडीबीआई बैंक में 51 फीसदी हिस्सेदारी थी. दिसंबर 2020 में एक क्यूआईपी निर्गम के बाद एलआईसी की हिस्सेदारी घटकर 49 फीसदी ही रह गई थी.
Bank Privatisation: बजट में हुई थी इसकी घोषणा
साल 2021-22 के आम बजट में आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की घोषणा वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा की गई थी. वहीं अधिकारी ने कहा है कि आईडीबीआई बैंक का निजीकरण सरकार और एलआईसी दोनों के लिए फायदे का सौदा होगा.