Diwali 2022 : जाने माँ लक्ष्मी के वाहन उल्लू के बारे में रोचक कथा!! आखिर कैसे बना उल्लू माँ लक्ष्मी की सवारी
Diwali 2022 : हर साल कार्तिक के महीने में आई अमावस्या के दौरान रोशनी का त्यौहार दिवाली मनाया जाता है। दिवाली के त्यौहार को लेकर छोटे से लेकर बड़े तक सभी लोग काफी उत्सुक रहते हैं और इस वर्ष 24 अक्टूबर को दिवाली का त्यौहार है। हमारे हिंदू धर्म के अनुसार दिवाली का त्यौहार लक्ष्मी जी की पूजा काल के लिए माना जाता है।
यह तो हम सभी जानते हैं कि दिवाली के दिन माता लक्ष्मी, गणेश जी और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। ताकि घर में सुख शांति, समृद्धि और धन की वर्षा हो। हमारे हिंदू धर्म के अनुसार सभी देवी देवताओं की एक अलग अलग कथाएं हैं और खास तौर पर उनके वाहनों के बारे में भी बताया गया है।
जैसे कि विष्णु भगवान का वाहन गरुड़ है और शंकर भगवान का वाहन नंदी, उसी प्रकार माता लक्ष्मी का वाहन उल्लू है। हम में से कई लोगों को तो यह पता भी नहीं होगा कि माता लक्ष्मी का वाहन उल्लू क्यों है? इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि माता लक्ष्मी का वाहन उल्लू क्यों है, इसकी एक प्राचीन कथा भी है।
Diwali 2022 : मां लक्ष्मी और उल्लू की सवारी
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार सभी देवी देवताओं ने धरती पर भ्रमण करने का विचार बनाया था। जैसे ही सभी देवी देवता पृथ्वी पर पहुंच गए तो उन्होंने विचार किया कि हम पशु पक्षियों को अपना वाहन के रूप में स्वीकार करेंगे। सभी देवी देवताओं ने अपने अपने पशु पक्षियों को वाहन के रूप में स्वीकार भी कर लिया। लेकिन लक्ष्मी माता काफी समय तक विचार करती रही कि वह किस पक्षी या पशु को अपना वाहन बनाएं?
माता लक्ष्मी की चिंता को देखकर सभी पशु पक्षी आपस में झगड़ा करने लगे तब उन्हें शांत करते हुए माता लक्ष्मी ने कहा कि कार्तिक महीने की अमावस्या को वह पृथ्वी पर भ्रमण करने आएगी और उसी दौरान अपने वाहन को चुनेगी। देखते ही देखते कार्तिक महीने की अमावस्या का दिन भी आ गया और उस दिन सभी पशु पक्षी माता लक्ष्मी का इंतजार करने लगे।
लेकिन देखा जाए तो अमावस्या की रात को सभी पशु पक्षी रात के दौरान अच्छी तरह से देख नहीं पा रहे थे। इस बात का फायदा उठाते हुए जैसे ही लक्ष्मी माता धरती पर आई तो उल्लू अपनी तेज नजरों से उन्हें देखते हुए उनके पास पहुंच गया। इस बात का फायदा उठाते हुए यह बात सामने आई कि अंधेरे में सिर्फ उल्लू ही चीजों को देखने, समझने और विलक्षण क्षमता काम आती है।
इसीलिए उन्होंने माता लक्ष्मी से अनुरोध किया कि माता लक्ष्मी उल्लू को ही अपने वाहन के रूप में स्वीकार करें। इस बात से प्रसन्न होकर माता लक्ष्मी ने उल्लू को अपने वाहन के रूप में स्वीकार कर लिया। हमारे हिंदू धर्म के अनुसार उल्लू को विशिष्ट क्षमता और विलक्षण दृष्टिकोण वाले पक्षी के रूप में जाना जाता है। देखा जाए तो नकारात्मक स्थिति में भी सकारात्मक दुरुस्ती सिर्फ उल्लू ही लेकर आ सकता है।