HP Election-2022: 20 आरक्षित सीटें बदलेंगी हिमाचल में चुनावी नतीजे….
HP Election-2022: हिमाचल प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं और सभी पार्टियां अपनी जीत के लिए जीत और प्रयास कर रही है सभी पार्टियों अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर चुकी है और अपनी जीत के लिए सभी गठजोड़ करने में जुटी हुई है प्रदेश की 20 आरक्षित सीटों के समीकरण ही इस बार यह तय करेंगे कि विधानसभा में कौनसी पार्टी विजयी होगी और किस पार्टी को मुंह की खानी पड़ेगी.
हिमाचल प्रदेश की कुल 68 सीटों में से 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं, जबकि तीन सीटें जनजातीय वर्ग की हैं इन 20 सीटों मै से भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में 15 सीटों पर कामयाबी हासिल की थी.
भाजपा के खाते में आई इन 15 सीटों में से 13 अनुसूचित वर्ग की थीं, जबकि दो सीटें अनुसूचित जनजाति वर्ग से भाजपा जीतने में कामयाब रही थी। बाकी बची 5 सीटें कांग्रेस के खाते में गई थी और कांग्रेस को महज 5 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था इनमें से 4 सीटें अनुसूचित जाति जबकि एक अन्य सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग की थी
इन्हीं 20 सीटों की वजह से कांग्रेस को पिछली बार हिमाचल विधानसभा चुनावों में मुंह की खानी पड़ी थी और वह हिमाचल में अपनी सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो पाई थी हिमाचल प्रदेश में कुल 68 सीटें हैं और सत्ता बनाने के लिए एक तिहाई सीटों की जरूरत है. मतलब यह है कि जो भी राजनीतिक पार्टी 35 से ज्यादा सीटें हिमाचल प्रदेश के चुनाव में जीतेगी वही राजनीतिक पार्टी हिमाचल में अपनी सरकार बना पाएगी.
बात करीब 20 आरक्षित सीटों की जो कि विधानसभा हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों की दसो दिशा तय करेगी इनमें से जो भी पार्टी 10 सीटें जीतने में कामयाब होगी उसी पार्टी की सरकार बनना लगभग तय है इन्हीं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की सीटों की अहमियत को देखते हुए कांग्रेस ने इन सीटों पर अपने उम्मीदवार तय करने में बहुत ही माथापच्ची की है और कांग्रेस ने एक साथ 8 टिकट बदल दिए हैं
HP Election-2022: इन्हें दी गई टिकट
जबकि दो सीटों पर फैसला आखिरी क्षणों तक पहुंचा है। इनमें से एक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित जयसिंहपुर है तो दूसरी जनजातीय कोटे से किन्नौर की सीट है। कांग्रेस ने जिन आरक्षित सीटों पर इस बार फेरबदल किया है उनमें सबसे बड़ा फैसला चुराह विधानसभा क्षेत्र से सामने आया है।
यहां पूर्व विधायक और जिलाध्यक्ष रहे सुरेंद्र भारद्वाज का टिकट काटकर यशवंत खन्ना को यहां से टिकट दिया गया है। पच्छाद में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष की राजनीतिक पारी भी इस विधानसभा चुनाव में खत्म हो रही है। कांग्रेस ने उनकी टिकट दयाल प्यारी को थमा दी है। इसके अलावा चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मंत्री कुलदीप कुमार की जगह टिकट सुदर्शन सिंह बबलू को दी गई है वही इंदौरा से कमल किशोर का टिकट काटकर मलेंद्र राजन को दिया गया है.
आनी में किशोरी लाल की जगह बंसी लाल कौशल को टिकट थमाई गई है. करसोग में मंशा राम की जगह महेश राज, नाचन में लाल सिंह कौशल की जगह नरेश कुमार को टिकट दी गई है। उधर, कांग्रेस मीडिया प्रभारी अलका लांबा ने इस बार सभी सीटों पर दमदार प्रत्याशियों को अवसर दिया है। पार्टी ने आरक्षित सीटों पर लगातार बैठकें की हैं और इन सीटों को जीतने के लिएऔर सीटों के लिए योग्य उम्मीदवार तय करने के लिए बहुत ही माथापच्ची भी की है और हो सकता है कि इसका नतीजा चुनाव परिणाम के रूप में जरूर सामने आएगा।
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