Flexible Injection | अब आ रहा है Pain फ्री Flexible Injection, जानिए कैसे देगा आपको दर्द से मुक्ति
Firenib
नवभारत डेस्क: इंजेक्शन का नाम सुनकर कई बार लोगों का दिल बैठ जाता है और कई मरीज इंजेक्शन लगवाने से बहुत अधिक घबराते हैं, लेकिन अब ऐसे लोगों के लिए वैज्ञानिकों ने एक नया इंजेक्शन बनाया है, जो शरीर में प्रवेश करते ही बहुत नरम और लचीला हो जाता है। इससे दर्द भी कम होता है। इंजेक्शन वाली जगह पर सूजन नहीं होती है और इससे उस स्थान के टिशु भी कम प्रभावित होते हैं। लोगों को दर्द से मुक्ति देने वाले ऐसे फ्लैक्सिबल इंजेक्शन को बनाए जाने का रिसर्च चल रहा है। यह हमारे लिए काफी लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
आप अक्सर देखते हैं कि जब इलाज के दौरान डॉक्टर आपके हाथ में कोई सुई या इंजेक्शन लगाते हैं तो आपके शरीर में बहुत अधिक दर्द होता है। कई लोग तो सुई की चुभन से चीखने चिल्लाने लगते हैं। सुई के नाम से उनके शरीर में सिहरन जैसी पैदा हो जाती है। ऐसे लोगों के लिए राहत भरी खबर आई है। दक्षिण कोरिया के एडवांस्ड इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने एक अनोखा प्रयोग किया है और एक ऐसे इंजेक्शन को खोजा है, जो आपको दर्द से मुक्ति दे सकता है।
दक्षिण कोरिया के वैज्ञानिकों की खोज
दक्षिण कोरिया के एडवांस्ड इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों के द्वारा की जा रही रिसर्च के अनुसार गैलियम नाम के रासायनिक तत्व से फ्लैक्सिबल सिरिंज वाला इंजेक्शन तैयार कर लिया है, जो आपके शरीर में होने वाले दर्द और चुभन से निजात दिला सकता है।
वैज्ञानिकों का दावा है कि फ्लैक्सिबल सिरिंज वाला यह इंजेक्शन जब शरीर में प्रवेश करते पूरी तरह से नरम व लचीला बन जाता है। इससे इंजेक्शन के दौरान शरीर में होने वाली सूजन से मुक्ति मिल जाती है। इससे इंजेक्शन वाली जगहों के टिशूज के नुकसान भी कम से कम होने की संभावना होती है। ऐसी स्थिति में आपको चुभन और दर्द से छुटकारा मिल सकता है।
ऐसे बनेगा फ्लेक्सिबल
आमतौर पर देखा जाता है कि इंजेक्शन लगाने के बाद शरीर के कोमल ऊतक और नसों में तरह की तरह की परेशानियां होती हैं और कई लोगों को इससे बहुत सारा दर्द भी होता है। इंजेक्शन लगाने के बाद अगर यह इंजेक्शन गलती से किसी और को चुभ गया तो उसे भी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन दक्षिण कोरिया के वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई इस गैलियम की सुई का गलनांक कमरे के तापमान के ऊपर होता है, लेकिन शरीर के तापमान से नीचे होता है। जिससे यह शरीर में जाते ही नरम हो जाती है और शरीर में प्रवेश करने के 1 मिनट के अंदर नरम हो जाती है। इसीलिए इसे कैथेटर के रूप में उपयोग करने की अनुमति भी मिल जाती है। अगर शरीर हिलता–डुलता भी है तो शरीर में मौजूद इस सुई पर गतिशीलता खतरा नहीं बढ़ता है। जब इस सुई को निकाला जाता है तो यह नरम व लचीली ही बनी रहती है। ये इतनी कठोर या तेज नहीं होती की गलती से भी किसी को चुभ जाए।
चूहों के बाद इंसानों पर ट्रायल
बताया जा रहा है कि वैज्ञानिकों की टीम ने फिलहाल चूहों पर इसे आजमाने की कोशिश की है और अब इसे जीवित लोगों पर भी आजमाया जा रहा है। उम्मीद है कि आने वाले समय में दुनिया के अन्य देशों के साथ–साथ भारत की चिकित्सा पद्धति में इन इंजेक्शनों का प्रयोग शुरु हो जाएगा, जिससे मरीजों को होने वाले दर्द से निजात मिलेगी।
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