Climate Change कॉन्फ्रेंस टेबल पर चर्चा करने वाला मुद्दा नहीं, हर घर की मेज पर होनी चाहिए इसकी चर्चा
Climate Change – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए आज दुनिया के सामने भारत का दृष्टिकोण सामने रखा। विश्व बैंक के एक कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम ने कहा कि दुनिया को अगर जलवायु परिवर्तन से पार पाना है तो हर एक इंसान को इससे लड़ना होगा।
जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को लेकर भारत का क्या दृष्टिकोण है, इसपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सामने अपनी बात रखी। मौका था विश्व बैंक में LIFE की हाउ बिहेवियरल चेंज कैन टैकल क्लाइमेट चेंज विषय आयोजित चर्चा से संबंधित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भारत की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधन करते हुए कई अहम बात कहीं।
Climate Change – जलवायु परिवर्तन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर जागरूक लोगों के रोजमर्रा के कामों से पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कॉन्फ्रेंस रूम में बैठकर जलवायु परिवर्तन से नहीं निपटा जा सकता। इसके लिए हर घर के खाने की टेबल से शुरूआत करनी होगी। जब कोई विचार चर्चा की मेज से खाने की मेज पर जाता है, तो यह एक जन आंदोलन बन जाता है। हर परिवार और हर शख्स को जागरूक करें कि उनके चुनाव इस ग्रह की मदद कर सकते हैं।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में वैश्विक नेताओं के साथ आने पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा – वैश्विक नेताओं के एक साथ आने से नए विचारों, अंतर्दृष्टि और समाधानों से आगे बढ़ाने के तरीके मिले हैं। यह ऊर्जा, पर्यावरण और जलवायु के भविष्य में आईं बड़ी चुनौतियों के लिए भी मददगार साबित हुए। भारतीय लोगों द्वारा जलवायु परिवर्तन में सहायता करने पर बी प्रधानमंत्री ने सराहनीय बात कही। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने पिछले कुछ वर्षों में बहुत कुछ किया है। लोगों ने भारत के कई हिस्सों में लिंगानुपात में सुधार के प्रयास भी किए। यह वह लोग थे जिन्होंने बड़े पैमाने पर समुद्र तट, विपरीत समुद्र तटों या सड़कों पर स्वच्छका अभियानों का नेतृत्व किया जिससे की सार्वजनिक स्थान कूड़े से मुक्त हों।
भारतीय सरकार व लोगों द्वारा किए जा रहे नियमित बदलावों का विवरण देते हुए प्रधानमंत्री ने संक्षिप्त रखी। उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा किए जा रहे प्रयासों से 22 बिलियन यूनिट से ज्यादा ऊर्जा की बचत होगी। पीएम मोदी के अनुसार, विश्व बैंक समूह जलवायु वित्त को 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत करना चाहता है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद पैनल चर्चा हुई जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल हुईं। पैनल चर्चा के दौरान वित्त मंत्री ने प्रशासन की तरफ से किए गए जलवायु परिवर्तन से लड़ने के प्रयासों को बढ़ावा देने पर जोर दिया।