भाषा की दीवार के बीच चमत्कार! पता चला कि जिस व्यक्ति का अंतिम संस्कार 25 साल पहले हुआ था वह अभी भी जीवित था… सकाम्मा अपने परिवार से कैसे मिली?
बाज़ार। वह यहां हिंदी या कन्नड़ नहीं जानती थी...आश्रम में 25 साल तक रही और किसी को नहीं पता था...
बाज़ार। वह यहां हिंदी या कन्नड़ नहीं जानती थी...आश्रम में 25 साल तक रही और किसी को नहीं पता था...