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आशा वर्करों को सरकारी कर्मचारी बनाने की मांग को लेकर धर्मशाला में वर्करों ने आवाज उठाई और सरकार से शिकायत की

आशा वर्करों को सरकारी कर्मचारी बनाने की मांग को लेकर धर्मशाला में वर्करों ने आवाज उठाई और सरकार से शिकायत की

कांगड़ा. हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के धर्मशाला में चल रही शीतकालीन बैठक के तीसरे दिन शुक्रवार को आशा वर्कर कांगड़ा यूनियन की जिला अध्यक्ष श्यामा गुलेरिया के नेतृत्व में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बैठक में पहुंचीं. उन्होंने सरकार के सामने अपनी मांगें रखीं और सरकार तक अपनी बात पहुंचाई. उन्होंने प्रधानमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया कि वे लिखित मांगों का गहनता से अध्ययन कर उन्हें शीघ्र पूरा करें ताकि कठिन से कठिन कार्य में भी हमारा मनोबल बढ़े।

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यूनियन नेता ने क्या कहा?
यूनियन अध्यक्ष श्यामा गुलेरिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की सभी आशाएं पिछले कुछ वर्षों से स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं। सभी आशाएं पूरी निष्ठा से कार्य करें। इस दौरान प्रधान श्यामा गुलेरिया ने कहा कि प्रदेश सरकार को आशा वर्करों को सरकारी कर्मचारी घोषित कर उनके लिए स्थाई नीति बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को कभी पता नहीं चलता कि उन्हें वेतन कब मिलेगा। सरकार से हमारा अनुरोध है कि महीने में एक तारीख तय की जाए जिस दिन हमें वेतन दिया जाएगा ताकि हमें पता चले कि हमें महीने में उस तारीख को अपना वेतन अवश्य मिलना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने दिया आश्वासन
इसके अलावा उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से सभी आशाओं को मोबाइल फोन मिले थे लेकिन कुछ समय बाद वह खराब हो गए और जिस कंपनी को फोन दिए गए थे वह कंपनी बंद हो गई। यदि इन क्षतिग्रस्त सेल फोन की मरम्मत की गई। तो कहाँ करें? उन्होंने कहा कि आशा कर्मचारी ऑनलाइन छह एप पर काम कर रही हैं। सरकार से हमारी मांग है कि राज्य में कार्यरत सभी आशाओं को अच्छी गुणवत्ता वाले मोबाइल फोन या टैबलेट उपलब्ध कराए जाएं ताकि हम सभी अपना ऑनलाइन काम आसानी से कर सकें।

उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री जल्द ही उनकी मांगों को जरूर पूरा करेंगे. इस मौके पर यूनियन अध्यक्ष श्यामा गुलेरिया, मधु शर्मा, कंचन शर्मा, सुनीत देवी, समली देवी, मुकेश व मीरा आदि मौजूद रहे।

टैग: हिमाचल सरकार, हिमाचल प्रदेश समाचार, कांगड़ा समाचार, स्थानीय18

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